सोलन: डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी ने उन्नत तकनीकों का प्रयोग कर कम लागत की प्राकृतिक खेती तैयार की है. जिसे फ्रांस में 15 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ग्लोबल एक्सपोजर मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. ये अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन फ्रांस में 24 सितंबर से 8 अक्टूबर तक फ्रेंच नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्चर, फूड एंड एनवायरनमेंट द्वारा आयोजित किया गया है.
11 देश ले रहे भाग: इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 'प्राकृतिक खेती, कृषि पारिस्थितिकी और पुनर्योजी कृषि' विषय पर 11 देशों और 15 संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व डॉ. वाईएस परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा किया जा रहा है.
सम्मेलन में इस थीम पर होगी चर्चा: नौणी यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेश्वर चंदेल ने बताया कि इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में "एग्रोइकोलॉजी में पौधों की सुरक्षा" (प्राकृतिक खेती में कीड़ों और पतंगों से पौधों की सुरक्षा) नामक थीम प्रोजेक्ट पर कई दौर की चर्चा की जाएगी. नौणी यूनिवर्सिटी इसमें भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है, जिसने प्राकृतिक खेती में व्यापक काम किया है.