सोलन:हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से पहाड़ी क्षेत्रों में काफी नुकसान हो रहा है. भारी बारिश के बाद अब सोलन जिले के दून विधानसभा में भू धंसाव की समस्या सामने आ रही है. सोड़ी पंचायत के माजरी गांव में भूधंसाव से मकानों में आई दरारों की वजह से 6 घर क्षतिग्रस्त हो गए, जिसकी वजह से इसमें रहने वाले 7 परिवार पूरी तरह से बेघर हो चुके हैं. इतना ही नहीं यहां करीब आधा किलोमीटर तक जमीन में गहरी दरारें आ गई है. जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल है. लोग अपनी घरों को खाली कर सामान लेर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं, लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से इन्हें कोई मदद नहीं मिली है.
सोलन जिले के दून विधानसभा क्षेत्र के सोड़ी और वायला पंचायत के करीब 6 गांव इन दिनों भू धंसाव की समस्या से जूझ रहे हैं. जिसके चलते 50 परिवार पूरी तरह से बेघर हो गए हैं. लगातार हो रहे भू धंसाव की वजह से ग्रामीण अपनी खड़ी फसलों और मकानों को छोड़ने के लिए मजबूर हैं. सरकार व प्रशासन द्वारा इन परिवारों को दोबारा से विस्थापित करने के लिए कोशिश तो की जा रही है, लेकिन गांव की भूमि को धसने से रोकने के लिए किसी प्रकार का भी प्रयास नहीं किया जा रहा है.
बाढ़ के बाद माजरी गांव में भू धंसाव का खतरा औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के भटोलिकला इंडस्ट्रियल एरिया के साथ लगती पहाड़ी पंचायत सोड़ी के गांव माजरी में भू धंसाव से ग्रामीण भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं. प्रशासन की अनदेखी के चलते यहां रह रहे 7 परिवार खुद ही अपना सामान लेकर ले जा रहे हैं. वहीं, वक्त रहते प्रशासन द्वारा जल्द ही इस गांव की जमीन को धंसने से बचाने के लिए प्रयास नहीं किए गए तो, इसका खामियाजा बालद नदी किनारे बसे बद्दी बरोटीवाला इंडस्ट्रियल एरिया को नुकसान झेलना पड़ सकता है.
भू धंसाव से कई मकानों में आई दरारें बता दें कि हाल ही में जहां तेज बारिश के चलते बद्दी बरोटीवाला का संपर्क मार्ग लगभग बंद ही हो चुका था. ऐसे में माजरी गांव की जमीन धंसती है तो यहां बालद नदी का रास्ता पूरी तरह से रोक देगी. जिससे आने वाले समय में निचले इलाकों में जल प्रलय आने का खतरा बना हुआ है. सोड़ी पंचायत के प्रधान ने बताया गांव की भूमि में लगभग आधा किलोमीटर लंबी दरार पड़ चुकी है. जिसमें गांव की लगभग 50 बीघा भूमि चपेट में आ गई है, जो धीरे धीरे धंसने लगी है. अगर लगातार बारिश होती रही तो यह जमीन कभी भी पूरी तरह धंस सकती है. फिलहाल गांव को स्थानीय लोगों की मदद से खाली करवाया जा रहा है और आसपास के इलाकों में उन्हें ठहराया जा रहा है.
घरों में आई दरारों से ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर प्रभावित ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से जल्द से जल्द उन्हें विस्थापित करने की मांग की है. साथ ही उनके फसलों और मकानों का उचित मुआवजा देने की मांग की है. ताकि ग्रामीण अपने बच्चों और खुद का जीवन अच्छे से व्यतीत कर सकें. वहीं, संकट के इस घड़ी में प्रशासन ग्रामीण तक नहीं पहुंच पा रहा है. वहीं कुछ समाजसेवी गांव के लोगों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने सरकार व प्रशासन से जल्द इन गांव वासियों के लिए उचित व्यवस्था करने और पहाड़ों को धंसने से बचाने की मांग की है.
माजरी गांव के खेतों में आई दरारें एसडीएम नालागढ़ दिवांशु सिंगल ने कहा उन्हें सूचना मिली है कि सोड़ी पंचायत के गांव माजरी में जमीन धंस रही है. जिससे बलद खड्ड के ब्लॉक होने का खतरा बढ़ गया है. लोक निर्माण विभाग की टीम को मौके पर जायजा लेने के लिए कहा गया है. सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनको शिफ्ट करने की अपील की जा रही है. प्रभावित लोगों को सरकारी भवनों व उनके रिश्तेदारों के पास शिफ्ट करने में मदद की जा रही है. साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें टेंट मुहैया भी करवाए जा रहा है.
ये भी पढ़ें:Himachal Weather: सावधान! 23-24 अगस्त को हिमाचल पर मंडराएंगे खतरे के बादल, 8 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, फ्लैश फ्लड और बादल फटने की भी आशंका