सोलनः प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रदेशभर में मॉक ड्रिल आयोजित की गई. इसी कड़ी में सोलन जिला में आपदओं से निपटने से लिए प्रशासन की तैयारियों की जायजा लिया गया.
सोलन में मॉक ड्रिल के दौरान जिला प्रशासन के सभी विभागों ने भूकंप से निपटने के लिए अहम भूमिका निभाई. इस दौरान भारतीय सेना ने भी लोगों के बीच अपनी क्षमता का परिचय दिया.
मॉक ड्रिल के दौरान ऐसा दर्शाया गया कि शहर के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के कारण विभिन्न भवनों में लोग दबे हुए हैं जिन्हें पुलिस, होमगार्ड व भारतीय सेना के जवानों द्वारा बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.
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इस बारे जानकारी देते हुए एडीएम सोलन विवेक चंदेल ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. जिसमें कई खामियां भी उजागर हुई है.
एडीएम ने कहा कि इन खामियों को दुरुस्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि आपदा आने पर कम से कम नुकसान किया जा सके.
सोलन में अचानक सायरन बजने से लोगों में हड़कंप मच गई अमूमन 10 बजे सुबह व शाम को 5 बजे बजने वाला सायरन जब सुबह 8:30 मिनट पर बजा तो लोगों विचलित हो गए. 2 बार सायरन बजने व प्रशासनिक अमलीजामा, गाड़ियां, डॉक्टर, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, पुलिस, होम गार्ड के जवान ये सब देखकर लोगों की उत्सुकता और बढ़ गई. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि सोलन मे ऐसा क्या हो गया जो आज सब मौके पर मौजूद है .
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बता दें कि प्रदेश में 11 जुलाई को सभी जिलों में भूकंप से बचाव को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. जिसमें सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक मॉक ड्रिल हुई. इसमें भूकंप रिक्टर पैमाने आठ मैगनिट्यूड के झटके बताए गए व मंडी के उपमंडल सुंदरनगर को भूकंप का केंद्र बताया गया. इससे प्रभावित हुए सभी जिलों के बचाव के लिए राज्यस्तरीय मॉक ड्रिल आयोजित हुई.