सोलन:विधानसभा सीट सोलन पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता धनीराम शांडिल और भाजपा के राजेश कश्यप के बीच है. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार सोलन सदर सीट पर 66.84 % मतदान हुआ है. बता दें कि धनीराम शांडिल, राजेश कश्यप के ससुर हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा की ससुर और दामाद के बीच के मुकाबले में कौन बाजी मारता है. (Dhaniram Shandil vs Rajesh Kashyap) (solan assembly seat)
कौन है कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल: उम्मीदवार कर्नल धनीराम शांडिल का जन्म 20 अक्टूबर 1940 को सोलन के गांव बशील में हुआ था. 1962 से 1996 तक कर्नल धनीराम शांडिल भारतीय सेना में रहे और कर्नल के रूप में सेवानिवृत्त हुए. उसके बाद 1994 में शांडिल ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते. फिर 2004 में कांग्रेस की ओर से शांडिल ने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
शांडिल की राजनीति में मजबूत पकड़: कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी के पद पर रहे. 2012 में शांडिल ने सोलन सदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और पूर्व वीरभद्र सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बने. 2017 विधानसभा चुनाव में शांडिल फिर चुनावी रण में उतरे और 671 वोटों के अंतर से चुनाव जीता. वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. शांडिल 10 जनपथ यानी सोनिया गांधी के करीबी भी माने जाते हैं. (Congress candidate from Solan seat).
कितनी संपत्ति के मालिक हैं शांडिल: धनीराम शांडिल के पास चल संपत्ति 1 करोड़ 76 लाख 24 हजार है और अचल संपत्ति 2 करोड़ 36 लाख 73 हजार है. बात अगर इनकी शिक्षा की करें तो धनीराम शांडिल ने एमए, एमफिल, और पॉलिटिक्ल साइंस में पीएचडी की है.
कौन हैं भाजपा प्रत्याशी राजेश कश्यप: भाजपा उम्मीदवार डॉ. राजेश कश्यप का जन्म 10 जनवरी 1963 को सोलन के चायल क्षेत्र में हुआ. राजेश कश्यप की राजनीतिक पृष्ठभूमि कुछ खास नहीं है. 2017 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे. वहीं, इस बार वह भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं. राजेश कश्यप पेशे से डॉक्टर हैं और 2017 के विधानसभा चुनाव में सेवानिवृत्ति लेकर उन्होंने चुनाव लड़ा था. राजेश कश्यप एमडी मेडिसिन हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेश कश्यप ने अपने ही ससुर कर्नल धनीराम शांडिल के खिलाफ चुनाव लड़ा था और 671 वोटों के अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, एक बार फिर भाजपा ने उन्हें सोलन सदर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. (BJP candidate from Solan seat).