सोलन: देशभर में बनी कुल 48 दवाएं गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. जिसमें 14 दवाएं प्रदेश में बनी हैं. सीडीएससीओ ने देशभर से 1273 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भरे थे, जिसमें से 1225 दवाओं के सैंपल स्टैंडर्ड जबकि 48 दवाएं गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. हिमाचल के बाद महाराष्ट्र की 8, उत्तराखंड की 7, गुजरात की 6, उत्तर प्रदेश की 3, हरियाणा, सिक्किम व हैदराबाद की 2-2, पंजाब, कर्नाटक व पश्चिम बंगाल की 1-1 दवा का सैंपल फेल हुआ है.
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में बनी 7, संसारपुर टैरस व ऊना की 2-2 और पांवटा साहिब, कालाअंब व परवाणू की एक-एक दवा के सैंपल फेल हुए हैं. जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं उसमें हार्ट, अस्थमा, एंटीबायोटिक, हाई ब्लड प्रैशर समेत अन्य बीमारियों की दवाएं शामिल हैं. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बनीं 14 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं.
केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ड्रग अलर्ट जारी किया है. प्रदेश में इस वर्ष जनवरी से लेकर जुलाई तक 107 दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं. राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह का कहना है कि संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं और नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जिन उद्योगों के सैंपल फेल हुए हैं उन उद्योगों का ड्रग इंस्पैक्टर निरीक्षण करेंगे ताकि गुणवत्ता को सुधारा जा सके. मारवाह ने कहा कि ज्यादा सैंपल लेने से खराब गुणवत्ता वाली दवाओं का पता लगता है इसलिए विभाग ज्यादा सैंपल भर रहा है. इन दवाओं को सुधारने के लिए विभाग ने 3 कैटेगरी में जांच को बांटा है, जिसके अनुसार काम किया जा रहा है.