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नौणी विवि एवं अनुसंधान केंद्रों पर फलदार पौधों की बिक्री शुरू, पहले दिन बिके 31 हजार से अधिक पौधे - यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी

नौणी विवि एवं अनुसंधान केन्द्रों पर वार्षिक शीतोष्ण फलदार पौधों की बिक्री शुरू हो गई है. बिक्री के पहले दिन, 1050 से अधिक किसानों ने विभिन्न फलों की किस्मों के 31,000 से अधिक पौधों को नौणी स्थित तीन नर्सरी और कृषि विज्ञान केंद्र सोलन से खरीदा. (Sale of fruit plants at Nauni University)

Sale of fruit plants at Nauni University
Sale of fruit plants at Nauni University

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Published : Jan 4, 2023, 9:41 PM IST

सोलन:डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और विवि के कृषि विज्ञान केंद्रों और अनुसंधान स्टेशनों में बागवानों के लिए फलदार पौधे की वार्षिक बिक्री बुधवार से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर शुरू हो गई. फल रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री के लिए हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों के किसान बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय में एकत्र हुए. (Sale of fruit plants at Nauni University)

विश्वविद्यालय के फल विज्ञान, बीज विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, मॉडल फार्म और कृषि विज्ञान केंद्र सोलन की नर्सरी में दिन भर किसानों की चहल-पहल रही और हिमाचल और आसपास के राज्यों के विभिन्न हिस्सों से किसान विभिन्न किस्मों के फलों के पौधे खरीदने के लिए आए. बिक्री के पहले दिन, 1050 से अधिक किसानों ने विभिन्न फलों की किस्मों के 31,000 से अधिक पौधों को नौणी स्थित तीन नर्सरी और कृषि विज्ञान केंद्र सोलन से खरीदा. यह बिक्री देर शाम तक चलती रही.

इस वर्ष विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर और क्षेत्रीय स्टेशनों द्वारा फलों की विभिन्न किस्मों के 2 लाख से ज्यादा पौधे तैयार किए गए हैं. जिन फलदार पौधों की बिक्री हो रही है उनमें सेब, कीवी, पलम, खुरमानी, आड़ू, अखरोट, चेरी, आनर, नेक्टरिन, परसिमन, पेकननट, अंगूर, नाशपती आदि शामिल है. विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में फल विज्ञान विभाग, बीज विज्ञान और अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत मॉडल फार्म में करीब 1,15,000 पौधे तैयार किए गए हैं.

इसके अलावा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय के कृषि विकास केन्द्रों और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्रों में भी करीब 92000 पौधे बागवानों के लिए तैयार किए हैं. सोलन के कृषि विकास केन्द्र कंडाघाट, किन्नौर के केवीके शारबो, लाहौल स्पीति के केवीके ताबो, औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी (हमीरपुर), शिमला के केवीके रोहड़ू, केवीके चंबा और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा और मशोबरा में भी पौधों की बिक्री शुरू हो गई.

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