सोलन: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डाॅ. आर.जी. आनन्द ने कहा कि आयोग देश में केन्द्र एवं राज्य सरकारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि विभिन्न कारणों से उपेक्षित एवं शोषित बच्चों को समय पर समुचित सहायता उपलब्ध करवाई जा सके ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें. डाॅ. आर.जी आनन्द आज यहां जिला के अधिकारियों के साथ बाल अधिकारों के सम्बन्ध में समीक्षा एवं परामर्श बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
बच्चों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए सोलन में मंथन
डाॅ. आनन्द ने कहा कि आयोग केन्द्र एवं प्रदेश सरकारों के सहयोग से सभी बच्चों को एक समान अधिकार प्रदान करने एवं उन्हें विपरीत परिस्थितियों से बचाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना, बाल श्रम की प्रवृति पर अंकुश लगाना, शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाना तथा बाल संरक्षण के लिए कार्यान्वित किए जा रहे कानूनों की अनुपालना करवाना आयोग का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि आयोग बाल मनोविज्ञान और समाज विज्ञान के स्थापित नियमों का पालन भी सुनिश्चित बना रहा है.
आयोग के सदस्य ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान बच्चों को परामर्श प्रदान करने एवं सहायता उपलब्ध करवाने के लिए आयोग ने 'संवेदना' नाम से टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर आरम्भ किया. 1800-121-2830 संवेदना हेल्पलाइन नम्बर पर बच्चों को विभिन्न भारतीय भाषाओं में कोविड-19 से सम्बन्धित परामर्श, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक सहायता ऐसे बच्चों को उपलब्ध करवाई जा रही है जो किसी न किसी रूप में कोविड-19 से पीड़ित हैं.
बच्चों के लिए काउंसलिंग की सुविधा
डाॅ. आनन्द ने कहा कि आयोग ने सशस्त्र सेनाओं के शहीदों के बच्चों को परामर्श एवं सहायता प्रदान करने के लिए टेली काउंसलिंग सुविधा 'सहारा' आरम्भ की है. यह सुविधा 'सहारा' निःशुल्क दूरभाष नम्बर 1800-1-236-236 पर उपलब्ध है. इस सुविधा को सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लापता बच्चों को ढूंढने के लिए देशभर में ओप्रेशन 'मुस्कान' कार्यान्वित किया जा रहा है.