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नौणी विवि में BSI को मिला अपना अध्ययन केंद्र, विलुप्त हो रही पौधों की प्रजातियों का हो सकेगा संरक्षण

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने देश के 128 वर्ष पुराने संस्थान बीएसआई को नौणी विश्विद्यालय को अध्ययन केंद्र समर्पित किया. नौणी विश्विद्यालय का अध्ययन केंद्र 6.6 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा.

research center awarded for nauni university
नौणी विश्विद्यालय को मिला नया शोध केंद्र

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Published : Feb 26, 2020, 8:27 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 8:41 PM IST

सोलनः केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने देश के 128 वर्ष पुराने संस्थान बीएसआई को नौणी विश्विद्यालय को अध्ययन केंद्र समर्पित किया. नौणी विश्विद्यालय का अध्ययन केंद्र 6.6 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा. इससे हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और अन्य कई क्षेत्रों में विलुप्त हो रही पौधों की प्रजातियों का संरक्षण किया जा सकेगा.

देश के लगभग 128 वर्ष पुराने संस्थान बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (कोलकाता) के विशेषज्ञों ने गत वर्ष सोलन और आसपास के क्षेत्र का भ्रमण किया था. जिसके बाद डॉ. वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी परिसर में क्षेत्रीय केंद्र खोलने के लिए हामी भरी थी.

वीडियो.

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि नौणी विश्विद्यालय हॉर्टिकल्चर और फॉरेस्ट्री के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य पूरे भारत में कर रहा है. वहीं, नौणी विश्विद्यालय कहीं न कहीं केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ भी जुड़ा है.

उन्होंने कहा कि शोध केंद्र के खुलने से नौणी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर वनस्पतियों के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल के जेडएसआई और बीएसआई दो केद्रों का निरीक्षण भी किया. हिमाचल में ऐसे केंद्रों का होना बहुत महत्वपूर्ण है.

सीके मिश्रा बोले ने कहा कि नौणी विश्विद्यालय हॉर्टिकल्चर और फॉरेस्ट्री क्षेत्र में पूरे भारत मे कर रहा बेहतरीन कार्य कर रहा है. नौणी विश्वविद्यालय पहले ही एशिया का प्रथम उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि सोलन में क्षेत्रीय केंद्र खुलने से इस बात पर भी शोध होगा कि किस प्रजाति के वृक्ष पहले बहुतायत में थे और अब अस्तित्व में नहीं हैं. पश्चिमी हिमालय उच्च ऊंचाई क्षेत्रीय सर्कल की स्थापना नौणी विवि के 6.6 एकड़ भूमि की गई है.

सर्कल का विकास और संचालन पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय और पर्यावरण और वन मंत्रालय पौध पर अनुसंधान के क्षेत्र में शिक्षण और विस्तार में संयुक्त सहयोग, विशेषकर शास्त्रीय वर्गीकरण, जैव विविधता, पौध संरक्षण और आणविक वर्गीकरण पर जोर देने लिए भी काम कर सकेंगे.

इसके अलावा विश्वविद्यालय के छात्र अनुसंधान गाइड के रूप में केंद्र में तैनात बीएसआई वैज्ञानिकों को चुना जाएगा. गौर रहे कि यह नया बीएसआई सर्कल हिमालय क्षेत्र की जैव विविधता और वनस्पतियों पर अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने में सहायक होगा.

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Last Updated : Feb 26, 2020, 8:41 PM IST

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