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रेगुलेटरी कमीशन ने फर्जी डिग्री कांड में फंसी Manav Bharti University को बंद करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा

नियामक आयोग ने मानव भारती विश्वविद्यालय को बंद करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. सोलन की मानव भारती यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्रियां बांटने का आरोप लगा था.

Manav Bharati University
रेगुलेटरी कमीशन ने फर्जी डिग्री कांड में फंसी मानव भारती यूनिवर्सिटी को बंद करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा

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Published : Jun 3, 2023, 10:02 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने मानव भारती निजी विश्वविद्यालय को बंद करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. सोलन स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय की खराब वित्तीय हालात को देखते हुए इसको बंद करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा एक अन्य विश्वविद्यालय को भी बंद करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया है. दरअसल, यह संस्थान फर्जी डिग्री मामले में फंसा हुआ हैं. जिसके कारण सोलन का मानव भारती विश्वविद्यालय बंद होने के कगार पर है.

मौजूदा समय में पढ़ रहे 19 छात्र:दरअसल, फर्जी डिग्री मामले में फंसने के बाद इस संस्थान की स्थिति डांवाडोल हो गई है. इस संस्थान में अब छात्र दाखिला लेने से गुरेज कर रहे हैं और मौजूदा समय में यहां 19 छात्र पढ़ रहे हैं. यही वजह है कि विनियामक आयोग ने इस संस्थान को बंद करने इन छात्रों को यहां से दूसरे विश्वविद्यालय में माइग्रेट करने की सिफारिश सरकार से की है. इस संस्थान में शिक्षक भी नहीं है, ऐसे में यहां छात्र अपनी पढ़ाई भी नहीं कर सकते. आयोग की ओर से कहा गया है कि इस संस्थान को बंद कर यहां के छात्रों को दूसरे संस्थान में माइग्रेट करने की इजाजत दी जाए.

फर्जी डिग्री बेचने को लेकर पुलिस की एसआईटी कर रही जांच:मानव भारती संस्थान फर्जी डिग्रियां बेचने को लेकर जांच के दायरे में हैं. पुलिस की एसआईटी फर्जी डिग्री मामले की जांच कर रही है. जांच में सामने आया है कि संस्थान ने हजारों फर्जी डिग्रियां बेची. इसके चलते मानव भारती संस्थान के मालिक राजकुमार राणा सहित इसके अधिकारियों और कर्मचारियों पर केस दर्ज किया गया. यही वजह है कि इस संस्थान में छात्र एडमिशन नहीं ले रहे और पहले से पढ़ रहे छात्रों को संस्थान माइग्रेट किया जा रहा है. विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने कहा है कि आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले. यही वजह है कि खराब वित्तीय हालात और कम छात्रों के चलते निजी संस्थान को बंद करने की सिफारिश सरकार से की गई है.

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