सोलन: केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयास तो कर रही है, लेकिन इन दिनों हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में जिस तरह से किसान अपनी मांग के लिए भटक रहे हैं. उससे जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
कृषक अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए कृषि सहित दूध बेचने का कार्य भी करते हैं, लेकिन यदि किसानों को उनके बेचे गए दूध का भुगतान समय पर ना हो तो उन गरीब किसानों पर क्या बीतेगी?
इन दिनों जिला सोलन के किसानों के साथ यही हो रहा है. जिला के विभिन्न दुग्ध एकत्रीकरण केंद्रों में हजारों किसानों के करीब 5 माह से दूध के पैसे नहीं मिले हैं जिसके चलते ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों ने इस समस्या को डीसी सोलन केसी चमन के समक्ष रखा.
1 साल से अनियमिताओं के चलते दूध उत्पादक रहा पीस
दुधारू पशु सुधार सभा में पिछले करीब 1 वर्ष से अनियमितताओं के चलते गरीब दूध उत्पादक पीस रहा है. दूध उत्पादकों को समय पर दूध का भुगतान नहीं हो पा रहा है और यही नहीं उनसे दूध भी बहुत कम दाम पर और किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है जो कि सीधा-सीधा किसानों का शोषण है.
प्रशासनिक अधिकारी लगाकर सुचारू रूप से चलाई जाई
दुधारू पशु सुधार सभादुग्ध एकत्रीकरण शील के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उन्हें करीब 6 माह से दूध का भुगतान नहीं हुआ है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है. उन्होंने मांग की है कि दुधारू पशु सुधार सभा को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी लगाया जाए, ताकि किसानों का शोषण न हो.
डीसी बोले : जल्द होगा किसानों की समस्या का समाधान
वहीं, डीसी सोलन के सी चमन ने बताया कि किसानों को दूध के पैसे ना मिलने का मुद्दा बीते कल जनमंच में भी उठा था इस मुद्दे को लेकर आज ग्रामीण उनके पास आए थे. डीसी के सी चमन ने बताया कि इस मामले को लेकर उनकी संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है. एक-दो दिन में प्रशासनिक अधिकारी लगाया जाएगा और किसानों का भुगतान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिला भर में करीब दूध उत्पादकों का 40 लाख भुगतान किया जाना है.
अन्नदाताओं का हर स्तर पर हो रहा शोषण
निश्चित तौर पर अन्नदाता का शोषण हर स्तर पर हो रहा है, किसानों के साथ राजनीति हो रही है. राजनेता अपनी सियासी रोटियां सेक रहे हैं, लेकिन किसान की स्थिति आज भी जस की तस है, भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करने का दावा 2022 तक कर रही है, लेकिन दावे और हकीकत में अंतर सबको मालूम हो चुका है.
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