महंगाई की चौतरफा मार, निजी वाहनों को छोड़कर बसों का रुख कर रहे लोग
पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना काल में लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए सार्वजनिक परिवहन से दूरी बनाकर निजी वाहनों में सफर को तरजीह दे रहे थे, लेकिन पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमतों का असर अब घर की रसोई पर भी पड़ रहा है.
डिजाइन फोटो.
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Published : Feb 26, 2021, 5:19 PM IST
सोलन: पेट्रोल-डीजल की कीमतें इन दिनों जेब जला रही है. रोज बढ़ रही कीमतों ने बजट बिगाड़ दिया है. जिसका असर किचन से लेकर खाने की थाली और सफर तक पर पड़ रहा है. कोरोना काल में लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए सार्वजनिक परिवहन से दूरी बनाकर निजी वाहनों में सफर को तरजीह दे रहे थे, लेकिन पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेने को मजबूर हैं.
सोलन की जनता की माने तो लगातार बढ़ रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दामों से उन्हें खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपने गंतव्य तक जाने के लिए उन्हें निजी वाहनों को छोड़कर सरकारी और प्राइवेट बस सेवाओं का सहारा लेना पड़ रहा है. हालांकि बसों में भी किराया ज्यादा हो चुका है, लेकिन महंगाई की मार से बचने के लिए उन्हें बसों का सहारा लेना पड़ रहा है.
डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमत से ऑटो चालक भी परेशान
शहर में चलने वाले ऑटो चालको कहना है कि पहले ही शहर में वाहनों की तादाद बढ़ चुकी है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से उन्हें खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऑटो चालकों की माने तो वे लोग एकदम से किराया भी नहीं बढ़ा सकते हैं, अगर किराया बढ़ा दे तो ऑटो में सवारी बैठने ही नहीं आएगी. ऑटो चालकों ने सरकार से अपील की है कि बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों पर अंकुश लगाया जाए.
वीडियो रिपोर्ट.
गाड़ियों में डलवाने पड़ रहे हैं दो के बजाय पांच सौ के तेल
दो पहिया वाहन चालकों को भी पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए जहां वे पहले 200 का पेट्रोल या डीजल अपने वाहनों में डलवाते थे. वहीं, आज उन्हें 500 का डलवाना पड़ रहा है. उनका कहना है कि माने तो महंगाई पहले भी बढ़ती से पेट्रोल डीजल के दाम पहले भी बढ़ते थे, लेकिन अब निरंतर बढ़ रहे हैं. पेट्रोल-डीजल की कीमतों से उन्हें कहीं ना कहीं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
फिर से थमने लगे ट्रक के पहिए
ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि पहले कोरोना की मार के वजह से उन्हें ट्रकों को खड़ा रखकर मंदी का सामना करना पड़ा. वहीं, अब बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों से उनकी ट्रकों के पहिए फिर से थामने लगे हैं. उनका कहना है कि बाहरी राज्यों से किसी भी प्रकार का सामान जब उनसे मंगाया जाता है तो सामान का दाम पेट्रोल-डीजल के दामों के साथ अपने आप ही बढ़ जाते हैं. ऐसे में ट्रक ऑपरेटरो के साथ-साथ आम जनता बढ़े दाम का बोझ उठाना पड़ता है.
पेट्रोल डीजल के दाम पिछले कई दिनों से लोगों की जेब जला रहे हैं. पिछले दस दिनों में बढ़े डीजल के दाम पर एक नजर डालें तो...
महीना
दाम (प्र.लि.)
16 फरवरी
79.18
17 फरवरी
79.42
20 फरवरी
80.42
24 फरवरी
80.76
25 फरवरी
80.76
इस हिसाब से पिछले 10 दिन में डीजल के दाम 5 बार बढ़े. उधर, पेट्रोल की कीमत में तो मानो आग लगी हुई है. पिछले 10 दिन से पेट्रोल के दाम रोज बढ़ रहे हैं...
महीना
दाम (प्र.लि.)
15 फरवरी
86.76
16 फरवरी
87.05
17 फरवरी
87.29
18 फरवरी
87.62
19 फरवरी
87.91
20 फरवरी
88.29
23 फरवरी
88.62
24 फरवरी
88.62
घर की रसोई तक पहुंची महंगाई की मार
पेट्रोल डीजल की कीमतों के साथ अब जो है सब्जियों और घरेलू सिलेंडरों के दाम बढ़ने से गृहिणियों को भी घर चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. महिलाओं की माने तो गैस सिलेंडर के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में घर की आर्थिक स्थिति को संभालने में उन्हें खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से उम्मीद की है कि महंगाई को कम करने की ओर ध्यान दिया जाए ताकि घर भी सुचारू रूप से चल सके.
शहर
जनवरी (प्रति सिलेंडर)
फरवरी (प्रति सिलेंडर)
शिमला
740
815
सोलन
723
798
बिलासपुर
738.50
813.50
चंबा
748.50
813.50
हमीरपुर
736.50
811.50
कांगड़ा
746.50
821.50
किन्नौर
741.50
816.50
कुल्लू
723
798
लाहौल स्पीति
739.50
814.50
मंडी
743.50
818.50
सिरमौर
741.50
816.50
ऊना
728
803
दरअसल, पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतें महंगाई का शुरुआती डोज होता है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों का उछाल फल, सब्जी, दाल समेत तमाम रोजमर्रा की चीजों पर पड़ता है. जिसका असर आपकी जेब से होता हुआ किचन और थाली तक पहुंचता है. इसलिये अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर ब्रेक नहीं लगा तो महंगाई का ब्रैकलैस होना भी लाजमी है.