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जमीनों का मुआवजा लेने के बाद भी निर्माण कार्य कर रहे लोग, प्रशासन काटेगा पानी और बिजली के कनेक्शन - himachal pradesh news

हिमाचल में फोरलेन का निर्माण कार्य जोरों पर चला हुआ है. अभी परवाणू से सोलन तक के फोरलेन का काम काफी हो भी चुका है. जिनकी भी जमीनें या भवन नेशनल हाईवे को बनाने में आया उनको उसका मुआवजा दे दिया गया है, लेकिन ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं जिन लोगों को इसका मुआवजा तो मिल गया, लेकिन उन्होंने दोबारा से अपने टूटे मकानों में निर्माण कर लिया.

Fourlane construction work in Himachal, हिमाचल में फोरलेन का निर्माण कार्य
फोटो.

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Published : Jun 3, 2021, 7:47 PM IST

सोलन: हिमाचल में फोरलेन का निर्माण कार्य जोरों पर चला हुआ है. शिमला तक भी जल्द ही फोरलेन का कार्य पूर्ण हो जाएगा. अभी परवाणू से सोलन तक के फोरलेन का काम काफी हो भी चुका है. जिनकी भी जमीनें या भवन नेशनल हाईवे को बनाने में आया उनको उसका मुआवजा दे दिया गया है, लेकिन ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं जिन लोगों को इसका मुआवजा तो मिल गया, लेकिन उन्होंने दोबारा से अपने टूटे मकानों में निर्माण कर लिया.

वहीं, ऐसे लोगों पर अब कार्रवाई की तैयारी हो गई है. मकानों के बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के लिए नगर निगम सोलन, जलशक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को बोल दिया है. कोर्ट की फटकार के बाद एसडीएम सोलन और प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने जल्द कनेक्शन काटने की कार्रवाई करने के लिए इन विभागों को पत्र जारी कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट.

75 लोगों पर कार्रवाई की तैयारी

दत्यार से लेकर बसाल पट्टी कथेड़ चंबाघाट तक 75 मकानों को कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है, जबकि इसके अलावा और भी मकानों पर कार्रवाई हो सकती है जो मुआवजा ले चुके हैं और इस सूची में नहीं है. एसडीएम सोलन अजय यादव ने बताया कि फिलहाल 75 लोगों की सूची जल शक्ति विभाग, नगर निगम व बिजली बोर्ड को सौंप दी गई है जिन पर पहले चरण में कार्रवाई होनी है.

जानकारी के मुताबिक सोलन के व्यक्ति की जमीन इसकी चपेट में आ गई व उसका पूरा मकान टूट गया. उसके पड़ोसी को मुआवजा मिल गया, लेकिन उसका थोड़ा सा ही मकान टूटा. उसने इसको लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया व कोर्ट को बताया कि दोबारा से उस व्यक्ति ने जमीन पर निर्माण कर लिया साथ ही व एनएचएआई ने जमीन पूरी एक्वायर नहीं की.

लोगों ने आधे टूटे हुए मकानों पर रहना भी शुरू कर दिया है

उसने कहा कि कुछ मालिकों को मकान के पूरे ढांचे का मुआवजा तो दिया गया पर मकान भी उतने ही तोड़े गए जितनी सड़क बनाने के लिए जरूरत थी. अब लोगों ने आधे टूटे हुए मकानों पर रहना भी शुरू कर दिया है. ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने मकान की मरम्मत कर अधूरे ढांचे को दुकानों में तब्दील कर दिया है.

इससे अच्छा खासा किराया भी वसूला जा रहा है. प्रशासान व नेशनल हाईवे अथॉरिटी पर भेदभाव का आरोप लगाया भी कोर्ट में लगाया गया. उसने अदालत को कहा कि उसे रास्ता तक नहीं दिया जा रहा बल्कि उसके पड़ोसी ने सारा क्लेम लेने के बाद भी उस पर निर्माण कर लिया है. मामले को लेकर कुछ और फोरलेन प्रभावित मामले को कोर्ट में ले गए, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली है.

उच्च न्यायालय ने लगाई है फटकार

जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने एसडीएम सोलन और नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को फटकार लगाते हुए ऐसे लोगों के बिजली-पानी के क्नेकशन काटने के लिए कहा जिन्होंने मुआवजा ले लिया है और दोबारा से निर्माण कर लिया है.

कोर्ट ने कहा कि इसमें पिक एंड चूज नहीं होना चाहिए. जिन लोगों को मुआवजा मिल गया है और उन्होंने दोबारा से उस पर निर्माण कार्य किया है. ऐसे लोगों पर कार्रवाई अलम में लाई जाए.

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