कसौली: कालका-शिमला नेशनल हाईवे 5 पर पहाड़ों को दरकने से बचाने के लिए शनिवार को एनएचएआई की टीम ने दौरा किया. इस टीम में छह सदस्य मौजूद रहे. जिसमें आईआईटी रुड़की, मंडी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सेवानिवृत्ति अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान टीम ने परवाणू से कुमारहट्टी तक फोरलेन का निरीक्षण कर जायजा लिया और पहाड़ों के दरकने के कारणों का पता लगाया. वहीं, टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शिमला की ओर से भी कई प्रकार का डाटा टीम ने मांगा है. जैसे ही यह डाटा विशेष तकनीकी टीम के पास पहुंचता है, उसके बाद परवाणू-सोलन फोरलेन सड़क पर आगामी निर्माण कार्य के लिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा कार्य:बताया जा रहा है कि इस माह के अंत तक यह रिपोर्ट तैयार कर एनएचएआई को देगी. इसके बाद ही कई महत्वपूर्ण जगहों पर कार्य शुरू किया जाएगा. इस टीम की रिपोर्ट के अनुसार, चक्की मोड़ पर निर्माण कार्य के लिए ड्राइंग तैयार की जाएगी. वहीं, वर्तमान में भी चक्की मोड़ में पहाड़ से मलबा नहीं रुक रहा है. भूस्खलन के बाद हाईवे पर आवाजाही रोकनी पड़ रही है. वहीं, परवाणू से सोलन के बीच कई जगह ऐसी है, जहां मलबा हटाना गले की फांस बनता जा रहा है. जैसे ही मलबा हटाया जा रहा है, वैसे ही पहाड़ी से भूस्खलन हो जाता है. ऐसे में कंपनी को काफी दिक्कतें आ रही है.
1 अगस्त से लगातार दरक रही पहाड़ी: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर जुलाई माह में हुई बारिश के दौरान काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी . वहीं, एक अगस्त को भी बारिश होने के बाद चक्की मोड़ में सड़क पूरी तरह से ढह गई. इसके बाद एक सप्ताह बाद यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू हुई , लेकिन तब से लेकर आज तक लगातार पहाड़ी दरक रही है. यही नहीं पहाड़ी पर मिट्टी ही मिट्टी जमा है.