सोलनःहिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में स्थित नौणी विश्वविद्यालय में बीज और रोपण सामग्री सेल की बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने की. उन्होंने कहा कि इस वर्ष गुठलीदार पौधों की अधिक मांग रही है.
कोरोना के बीच नौणी और कंडाघाट में स्थित विश्वविद्यालय की चार नर्सरी से 2 हजार 500 से अधिक किसानों ने 90 हजार से अधिक समशीतोष्ण पौधे खरीदे हैं. 5 जनवरी से रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री शुरु हुई. इसके लिए प्रत्येक दिन पौधों का आवंटन सिर्फ आवंटन लिस्ट के अनुसार ही किसानों को सीमित संख्या में किया गया.
18 जनवरी से सभी के लिए रहेगी बिक्री
निर्धारित तिथि के भीतर ऑनलाइन मांग फार्म भरकर पौधों के लिए आवेदन करने वाले किसानों की आवंटन सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई थी. इसमें आवंटित पौधों की संख्या, तारीख और समय के साथ नर्सरी का नाम का उल्लेख किया गया था, जहां इन पौधों को एकत्र किया जा सकता था.
उच्च गुणवत्ता के कारण विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गई रोपण सामग्री की मांग प्रदेश सहित देशभर में रहती है. बैठक में निर्णय लिया गया कि सेब, अनार, अंजीर, नाशपती, आड़ू, खुमानी, अखरोट और प्लम आदि की चुनिंदा किस्मों की शेष रोपण सामग्री की बिक्री 18 जनवरी से सभी के लिए खुली रहेगी.
इस साल इन पौधों की बढ़ रही मांग
इस साल सेब की किस्मों में जेरोमाइन, रेड वेलॉक्स, स्कारलेट स्पर, ग्रानी स्मिथ और गाला किस्में बागवानों में लोकप्रिय रहीं. नौणी और कंडाघाट में विश्वविद्यालय की नर्सरी की ओर से बांटी गई रोपण सामग्री के अलावा, मशोबरा, बजौरा, रिकांगपिओ, रोहड़ू, ताबो और चंबा में विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय स्टेशन/ केवीके में भी विभिन्न तारीखों को शीतोष्ण पौधों की आपूर्ति की गई है.