नालागढ़/सोलन: उपमंडल के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में प्रवासी कामगारों के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक और प्रेरित करने के लिए नई दिशा नामक कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत निर्धन परिवार से संबंध रखने वाले प्रवासी मजदूरों और झुग्गी झोपड़ी बस्ती में बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे. यह जानकारी एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल गुर्जर ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.
स्कूल न जाने वाले बच्चों का डाटा होगा तैयार
बैठक में बीबीएन क्षेत्र की लगभग दस गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया. महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि पिछले लगभग 1 वर्ष के वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान अधिकतर समय शिक्षण संस्थान प्रदेश में बंद रहे. इस कारण से साधन संपन्न परिवार के बच्चों को तो ऑनलाइन विधि के विभिन्न माध्यमों से शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिल गया, लेकिन निर्धन परिवारों में साधनों की कमी और बेरोजगारी की चुनौतियों के कारण अनेक बच्चे ऑनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके.
महेंद्र पाल गुर्जर ने स्वयंसेवी संस्थाओं को निर्देश दिए कि वे बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ी बस्तियों को चिन्हित कर वर्तमान में स्कूल न जाने वाले बच्चों की जानकारी से संबंधित डाटा तैयार करें.
बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता
महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि इसके बाद एक समाज सेवी संस्था किसी एक झुग्गी झोपड़ी बस्ती को अपनाकर वहां के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक और प्रेरित करने के लिए हर संभव प्रयास करें. ताकि महामारी के दौरान आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से स्कूल छोड़ चुके बच्चों को दोबारा से स्कूल में प्रवेश करवाया जा सके. कम आयु वर्ग के बच्चों को संबंधित क्षेत्र के बाल विकास परियोजना अधिकारी से समन्वय स्थापित कर उन्हें आंगनवाड़ी सेंटर में दाखिल करवाया जाएगा, जबकि बड़े बच्चों को आयु के अनुसार सरकारी विद्यालयों में दाखिला सुनिश्चित किया जाएगा. महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि इस संबंध में बच्चों और उनके परिवार को हर संभव सहयोग व सहायता प्रदान की जाएगी ताकि आर्थिक तंगी के कारण कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रह सके.
स्वयंसेवी संस्थाओं से समस्या को लेकर चर्चा
महेंद्र पाल गुर्जर ने स्वयंसेवी संस्थाओं को आश्वासन दिया कि इस पुनीत कार्य में नालागढ़ उपमंडल प्रशासन हर समय उनकी सहायता के लिए उपलब्ध है. उन्होंने क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं से इस संबंध में संभावित कठिनाइयों के बारे भी चर्चा की और उनसे सुझाव मांगें. महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया इस संबंध में एक दीर्घकालीन योजना पर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि निर्धन परिवारों से ताल्लुक रखने वाले बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे और भविष्य में उन्हें तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
एसडीम नालागढ़ ने बताया कि नई दिशा कार्यक्रम के तहत निर्धन परिवार से ताल्लुक रखने वाले बच्चों को ना केवल शिक्षा से जोड़ना है बल्कि उनके स्वास्थ्य विकास के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास भी किया जाना है. इस क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संस्थाएं पहले से ही समाज हित से जुड़े अनेक कार्य कर रही है और उन्हें अपने पूर्व के दायित्वों के साथ-साथ समाज सेवा से जुड़े इस कार्य को भी सुनिश्चित करना होगा. उन्होंने बताया कि प्रत्येक 15 दिन के पश्चात नई दिशा कार्यक्रम में किए गए कार्य की प्रगति से संबंधित बैठक का आयोजन किया जाएगा ताकि समाज सेवा से जुड़े पुनीत कार्य को मुकाम तक पहुंचाया जा सके.
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