सोलनःकोविड की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों के शवों को बदलने की खबरें दूसरे राज्य से आ रही थी, लेकिन अब हिमाचल में भी ऐसे कारनामे शुरू हो गए हैं. एमएमयू अस्पताल में उपचाराधीन एक बुजुर्ग को मृत बता दिया गया. हद उस समय हो गई, जब परिजनों को दाह संस्कार के लिए शव तक सौंप दिया गया.
पहले ये खबर आई थी कि सोलन के कोटला मशीवर के रहने वाले 80 वर्षीय बुजुर्ग केवल राम की जगह किसी अन्य का शव दिया गया है. मगर हैरतअंगेज खुलासा ये हुआ कि असल में केवल राम का निधन हुआ ही नहीं है. वे उपचाराधीन ही हैं. एमएमयू में 3 व्यक्तियों की मौत हुई. इसमें से 2 शव सिरमौर भी भेजे गए. अब प्रशासन को तीसरे शव की पहचान को लेकर कोई दिक्कत नहीं हो रही.
किसी अन्य व्यक्ति का शव किट में पैक कर उन्हें दे दिया गया
चंबाघाट में अंतिम संस्कार से कुछ देर पहले जब परिजनों को कुछ संदेह हुआ तो देखने पर पाया कि किसी अन्य व्यक्ति का शव किट में पैक कर उन्हें दे दिया गया है. इसके बाद मौके पर बवाल मच गया. बताया यह भी जा रहा है कि एसडीएम भी मौके पर पहुंच गए. जानकारी के मुताबिक एमएमयू अस्पताल में 3 संक्रमितों की मौत हुई. इसमें से 2 का दाह संस्कार हो चुका है.
'मृतकों के साथ दुर्गति हो रही है'
बहरहाल सवाल इस बात पर उठता है कि क्या कोविड से मरने वालों के शवों को ले जाने के लिए कोई व्यवस्था है या नहीं. मृतकों के साथ दुर्गति हो रही है. गृह मंत्रालय का एक तय प्रोटोकाॅल है. आशंका जाहिर की जा रही है कि अक्सर ही इसका उल्लंघन होता है. उदाहरण के तौर पर अगर अस्पताल में किसी कोविड मरीज की मौत होती है तो शव का स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में ही दाह संस्कार किया जाता है.
डीसी ने जांच के दिए आदेश
उधर, बुजुर्ग के पोते ने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही के कारण परिवार की भावनाओं को आघात पहुंचा है. उधर, डीसी सोलन केसी चमन ने कहा कि तुरंत ही शव को वापस ले जाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि लापरवाही किस स्तर पर हुई है.
बुजुर्ग के पोते ने प्रशासन पर लगाये लापरवाही के आरोप
बुजुर्ग के पोते जगदीप ठाकुर ने कहा कि शव को उनके दादा के ही कपड़े पहनाए गए थे. उनकी एक अंगुली में सोने की अंगूठी थी, जबकि कान में भी सोने की बाली पहनते थे, लेकिन जो शव पहुंचा. उन्होंने चांदी की अंगूठी पहन रखी थी. उन्होंने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की गलती के चलते हम जिंदा व्यक्ति की चिता सजाने लग गए थे.
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