ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना होगा- राज बसु सोलन: हिमालय क्षेत्र के सतत विकास के लिए हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की नौणी यूनिवर्सिटी में तीन दिनों का सम्मेलन हो रहा है. सोमवार से शुरू हुआ ये सम्मेलन बुधवार तक चलेगा. यह सम्मेलन हर साल सेवा इंटरनेशनल द्वारा आयोजित किया जाता है और इस वर्ष का आयोजन हिमाचल प्रदेश में हो रहा है. इसमें भारत के साथ-साथ हिमालयी देशों भूटान और नेपाल के कई एक्सपर्ट पहुंचे हैं जो हिमालयी क्षेत्र के विकास को लेकर मंथन कर रहे हैं. (Raj Basu on Rural Tourism) (Seminar in Nauni University) (Seminar on Himalayan sustainable development)
इस सम्मेलन में हिमालयी क्षेत्रों के विकास के लिए पर्यटन को बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श हो रहा है. इस सम्मेलन के दूसरे दिन महामंथन में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से राज बसु पहुंचे हैं. राज बसु को पर्यटन गांधी के नाम से भी जाना जाता हैं, जो हमेशा ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. सम्मेलन में उन्होंने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपने विचार सबके सामने रखे. (Rural Tourism) (Himalayan State Seminar in Solan)
नौणी विश्विद्यालय में आयोजित महामंथन के दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में पर्यटन गांधी राज बसु ने बताया कि हिमालय क्षेत्रों में विकास को लेकर लगातार सरकारें कार्य कर रही हैं, वे खुद भी आंदोलन के रूप में ग्रामीण टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं. राज बसु के मुताबिक पर्यटन का इतिहास बहुत पुराना है. ये बीते कई सालों से धार्मिक यात्राओं के रूप में हर धर्म में मौजूद है. धार्मिक यात्राओं पर जाना भी एक तरह का पर्यटन है जो सदियों से चली आ रही हैं. (Himalayan State Seminar in Himachal)
हिमालयी या पर्वतीय राज्यों के लिए पर्यटन सबसे बड़ा आय का जरिया है. इसलिये पर्यटन क्षेत्र का विकास और विस्तार बहुत जरूरी है. जो पर्यटन को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने से हो होगा. राज बसु ने कहा कि 'थिंक लोकली और लिंक ग्लोबली' की टैगलाइन के साथ ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना होगा. स्थानीय बोली, खान-पान या पहनावे को बढ़ावा देने से गावों को पहचान मिलेगी और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
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