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हिमाचल के बद्दी में दवाओं का उत्पादन लगातार जारी, प्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी हो रही सप्लाई

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की स्थिति चिंताजनक होने के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश में दवा उत्पादन से जुड़े उद्योगों में सभी प्रकार की दवाओं का उत्पादन निरंतर जारी है. हालांकि गत वर्ष महामारी के शुरुआती दौर में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान लगभग 1 सप्ताह तक दवा उत्पादन से जुड़े उद्योग भी बंद रहे लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने सावधानी पूर्वक तत्परता का परिचय देते हुए शुरुआती 8 से 10 दिनों में 50% और 2 सप्ताह के अंदर ही फार्मा से जुड़े सभी उद्योगों में उत्पादन शुरू करवाने में सफलता हासिल की.

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Published : May 22, 2021, 10:36 PM IST

बद्दी:वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान हिमाचल प्रदेश के फार्मा उद्योगों ने प्रदेश और देश में कोरोना वायरस से संबंधित आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वर्तमान में जिला सोलन, सिरमौर और कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी कई उद्योग दवा उत्पादन क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. देश का सबसे बड़ा फार्मा हब बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र है.

कोरोना महामारी के दौर में औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन सहित हिमाचल प्रदेश के दवा उत्पादन से जुड़ी स्वदेशी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपनी ओर से ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन सिलेंडर, थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर आवश्यक दवाएं और मास्क, सैनिटाइजर जैसा उपयोगी सामान भी प्रदेश सरकार को सहयोग के रूप में प्रदान किया है. इससे हिमाचल प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में गुणात्मक सुधार हुआ है.

दवाइयां बनाने में बीबीएन का अहम रोल

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की स्थिति चिंताजनक होने के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश में दवा उत्पादन से जुड़े उद्योगों में सभी प्रकार की दवाओं का उत्पादन निरंतर जारी है. हालांकि गत वर्ष महामारी के शुरुआती दौर में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान लगभग 1 सप्ताह तक दवा उत्पादन से जुड़े उद्योग भी बंद रहे, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने सावधानी पूर्वक तत्परता का परिचय देते हुए शुरुआती 8 से 10 दिनों में 50% और 2 सप्ताह के अंदर ही फार्मा से जुड़े सभी उद्योगों में उत्पादन शुरू करवाने में सफलता हासिल की.

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आवश्यक दवाओं की आपूर्ति लगातार जारी

महामारी के शुरुआती दिनों में अधिकतर इस्तेमाल की गई पेरासिटामोल, अजिथरोमायसीन, हाइड्रोक्लोरोक्वीन और फैवीपीरामीन जैसी महत्वपूर्ण दवाओं के उत्पादन से जुड़ी सभी बड़ी कंपनियों के उद्योग बीबीएन क्षेत्र में स्थापित हैं. यहां से आवश्यक दवाओं की आपूर्ति पूरे देश में निरंतर जारी है. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान परिचित हुई महत्वपूर्ण दवाओं के उत्पादन से जुड़ी बड़ी एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी इसी क्षेत्र में स्थापित हैं. डॉक्टर रेड्डी लैब और जुवनैइट फार्मा जैसे बड़े दवा उत्पादक घराने कोरोना महामारी से संबंधित आवश्यक दवाओं के उत्पादन के लिए लोन लाइसेंस के आधार पर भी कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवाई भी देश के सबसे बड़े फार्मा हब बीबीएन में निर्मित की जा रही हैं.

दूसरे राज्यों में भी जा रही दवाइयों की सप्लाई

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश के कई राज्यों में जब ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचने लगी, उस दौरान भी हिमाचल प्रदेश सरकार ने कई राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की. इसके अलावा सरकार के ऑक्सीजन उत्पादन के लिए उठाए गए आवश्यक कदमों के परिणाम स्वरूप आज प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्र में अतिरिक्त ऑक्सीजन संयंत्र कार्यरत हैं जो न केवल हिमाचल प्रदेश की ऑक्सीजन से संबंधित अवस्थाओं को पूरा कर रहे हैं बल्कि सीमावर्ती राज्य पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं.

कामगारों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण

बीबीएन फार्मा हब की देश के सबसे बड़े दवा उत्पादन हब के रूप में पहचान कायम रखने में यहां पर दिन रात कार्य करने वाले श्रमिकों, कर्मचारियों और अधिकारियों का भी महत्वपूर्ण योगदान है. इनमें अधिकतर हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं. हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार ने फार्मा उद्योगों में कार्यरत सभी कामगारों को महामारी के इस दौर में प्रथम श्रेणी कार्यकर्ता का दर्जा दिया है. सरकार के इस निर्णय से फार्मा उद्योगों में कार्यरत हजारों कामगारों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है.

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