मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यानचंद. सोलन:कल से सोलन शहर में एशिया की पहली राष्ट्रीय स्तर की अंडर-13 हॉकी प्रतियोगिता होने जा रही है. 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक यह प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिसमें देश की 12 टीमें भाग लेने वाली हैं. वहीं, वीरवार को सोलन में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के बेटे और ओलंपियन अशोक ध्यानचंद भी पहुंचे. जिन्होंने हॉकी को लेकर अपनी बात मीडिया के सामने रखी.
अशोक ध्यानचंद ने कहा कि आज हॉकी में तरक्की हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हमारे दौर में हॉकी में कलाइयों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाता था. जबकि आज हॉकी कंधे के बल पर खेली जा रही है. ये मात्र पावर गेम रह चुकी है. अशोक ध्यानचंद ने कहा कि हॉकी में भले ही तरक्की हुई है, लेकिन जीत की जो कोशिश और मैडल लाने का एक जुनून होता है, वो आज कम हो रहा है और यह हॉकी के लिए सही नहीं है.
अशोक ध्यानचंद ने कहा कि हॉकी की तरफ खिलाड़ियों का रूझान कम है. भारत में आज भी क्रिकेट को ज्यादा बढ़ावा दिया जाता है. ऐसे में क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है. लेकिन, हॉकी नहीं. युवाओं का रुझान आज भी हॉकी की तरफ बहुत कम है. उन्होंने कहा कि हमारे दौर में जब जीत होती थी, तो खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत होता था और सम्मानित किया जाता है. लेकिन आज खेल का स्वरूप बदल चुका है.
उन्होंने कहा कि हॉकी को बढ़ावा मिले और युवा इसमें आगे आएं, इसको लेकर कार्य करने की जरूरत है. यही काम ग्रास रूट फेडरेशन हॉकी के लिए कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए की हॉकी खेल को बढ़ावा मिल सके.
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