सोलन: आपदा से निपटने के लिए हिमाचल में प्रत्येक वर्ष मॉक ड्रिल करवाई जाती है, लेकिन आपदा के समय यही तैयारी धरी की धरी रह जाती है. वहीं, मंगलवार को सोलन पहुंचे हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए जमीनी स्तर से जागरूकता लाने की जरूरत है. जिसमें बच्चे एक अहम कड़ी हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल कैडेट्स भी इसी तरह कार्य करता है. अनुशासन में रहकर देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए कार्य करता है. धनीराम शांडिल ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए इसका पढ़ाया जाना जरूरी है.
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि एकता और अनुशासन ही देश को आगे बढ़ाने में सहायक है, इसलिए सभी बच्चों में अनुशासन का होना और एकता और भाईचारे की भावना को उजागर करना अनिवार्य है. एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस और स्काउट एंड गाइड ऐसी संस्थाएं हैं जिनमें इन सभी बातों पर कार्य किया जाता है. धनीराम शांडिल ने बताया कि बच्चों को इन कोर्स में पढ़ाई ना करके मौलिक कर्तव्य के बारे मे अधिक सिखाया जाता है. जिसमें बच्चे भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं, इसलिए ऐसे कोर्स स्कूल और कॉलेजों में होने जरूरी है. उन्होंने कहा कि आपदाएं आती रहती हैं, लेकिन बच्चों को इसके प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि आपदा आने पर ये बच्चे समाज हित में अपनी सेवाएं दे सके.