कसौली/सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर फोरलेन का पहला वायाडक्ट ब्रिज सोमवार से वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया. यह ब्रिज टीटीआर में बनाया गया है. ब्रिज से वाहनों की आवाजाही को डायवर्ट करने के लिए फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से सुंदरकांड पाठ आयोजित करवाया गया. इसके बाद वायाडक्ट ब्रिज से गुजरने वाली पहली गाड़ी की पूजा की गई और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शिमला के प्रोजेक्ट मैनेजर ई. राम आसरा खुरल ने नारियल फोड़ा. जिसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू हुई.
इस ब्रिज के बनने से वाहन चालकों को काफी फायदा होगा और जाम से भी छुटकारा मिलेगा. ब्रिज को लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से करीब डेढ़ वर्ष में तैयार किया गया. इस ब्रिज की अपनी ही खासियत है. इस ब्रिज का निर्माण उस जगह पर होता है जहां पर खाई होती है. ब्रिज बनाने के लिए जमीन से ऊपर आरसीसी के पिल्लर खड़े किए गए हैं. टीटीआर में भी इसी तरह की भूमि फोरलेन निर्माण के लिए मिली थी. जहां पर फोरलेन निर्माता कंपनी ने वायाडक्ट ब्रिज का निर्माण करने में सफलता हासिल की. खास बात यह है कि ब्रिज बनाने के लिए केवल एक पिल्लर बनाया गया है.
स्टील के गार्डर पर डाला गया है स्लैब- वायाडक्ट ब्रिज निर्माण करने के लिए लोहे और स्टील का इस्तेमाल किया गया है. दोनों छोर को स्टील गार्डर से मिलाया गया और उस पर सीमेंट कंक्रीट का स्लैब डाला गया है. वहीं, अब इस ब्रिज पर से वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया है. हालांकि यह ब्रिज केवल शिमला से चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों के लिए बनाया गया है. लेकिन शुरुआत में पुल के विपरीत ओर सड़क को टू-लेन में बदलने को लेकर आने व जाने वाले वाहनों की आवाजाही इसी ब्रिज से होगी. वहीं, भूस्खलन के दौरान भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी.