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केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली का 119 वां स्थापना दिवस आज, समारोह में ये करेंगे शिरकत - 119th Foundation Day of Central Research Institute

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) आज अपना 119वां स्थापना दिवस मना रहा है. कसौली स्थित केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) का जीवन रक्षक इम्यूनो बायोलॉजी में अहम योगदान रहा है. (Foundation day of Central Research Institute )

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली
केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली

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Published : May 9, 2023, 8:16 AM IST

कसौली: केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) कसौली आज यानी मंगलवार को अपना स्थापना दिवस मना रहा है. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली के 119वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करेंगी. इसी के साथ लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह. स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल, सांसद सुरेश कुमार कश्यप भी शामिल होंगे. वहीं, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय से डीजीएचएस डॉ. (प्रो.) अतुल गोयल, अतिरिक्त डीडीसी डॉ. अनिल कुमार उपस्थित रहेंगे.

जीवन रक्षक इम्यूनो बायोलॉजी में अहम योगदान:1905 में अपनी स्थापना के बाद से सीआरआई कसौली लगातार कार्य कर रहा है. संस्थान पिछले 118 वर्षों से जीवन रक्षक इम्यूनो बायोलॉजी के क्षेत्र में राष्ट्र के लिए कई महत्वपूर्ण योगदानों के साथ अथक रूप से काम कर रहा है. संस्थान को सूक्ष्म जीव विज्ञान, जीवन रक्षक प्रतिरक्षा जीव विज्ञान, निगरानी गतिविधियों, शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के उत्पादन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है.

ऊतक रेबीज टीका विकसित किया:संस्थान ने पहला वाणिज्यिक तंत्रिका ऊतक रेबीज टीका विकसित किया. उसके बाद केंद्रीय मलेरिया ब्यूरो की स्थापना की. वहीं, इंडियन रिसर्च फंड एसोसिएशन की स्थापना की. यह भारत में जापानी इन्सेफेलाइटिस वैक्सीन और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में पीले बुखार के टीके का निर्माण करने वाला एकमात्र संस्थान था. संस्थान में लगातार कार्य चलते रहे और अब टीडी वैक्सीन के उत्पादन के लिए वाणिज्यिक लाइसेंस ‌मिल गया है.

संस्थान का इन कामों पर जोर: वहीं ,सीजीएमपी अनुपालना के साथ ही डीपीटी वैक्सीन का भी सीआरआई कसौली निर्माण कर रहा है. केंद्र सरकार का यह पहला ऐसा संस्थान है जो कई वर्षों से सर्पदंश, डिप्थीरिया और रेबीज के लिए एंटीसेरा भी विकसित कर रहा है. वहीं, पीत ज्वर टीकाकरण केंद्र के रूप में भी कार्य कर रही है.

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