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हिमाचल के चुनावी रण में इस बार उतरे हैं भाजपा कांग्रेस के 8 मुखिया, किस-किस को मिलेगी 2022 में सरदारी - हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री

हिमाचल में इस बार रिवाज बदलेगा या ताज बदलेगा यह तो 8 दिसंबर को मतगणना के दिन स्पष्ट हो पाएगा. वहीं, मतगणना से पहले सियासी दल सूबे में अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं. इस बार का विधानसभा चुनाव कई मायने में खास है. हिमाचल के चुनावी रण में इस बार भाजपा और कांग्रेस के 8 पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उतरे हैं. इसमें से 4 मुख्यमंत्री बनने की रेस में भी अपने आप को मान रहे हैं. इन दिग्गजों के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Former Himachal Congress President in assembly election) (Former Himachal BJP President in assembly election) (Himachal Pradesh elections result 2022)

BJP And Congress Leaders in Himachal assembly Election
हिमाचल के चुनावी रण में भाजपा और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष

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Published : Nov 27, 2022, 1:41 PM IST

Updated : Nov 27, 2022, 4:44 PM IST

सोलन:हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आठ दिसंबर को आने वाले हैं. सभी दल अपनी पार्टी के जीतने के दावे कर रहे हैं, कोई मुख्यमंत्री बनने का दावा दिल्ली में जाकर कर रहा है तो कोई हिमाचल में ही रहते हुए मिशन रिपीट की हुंकार भर रहा है. बहरहाल हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार भाजपा कांग्रेस के 8 पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चुनावी रण में है सभी की नजरें इन पूर्व अध्यक्षों की सीटों पर टिकी हुई हैं. क्योंकि अपने अपने कार्यकाल में यह सभी अपने-अपने पार्टियों को जितवाने और मजबूत करने के लिए कार्य करते आए हैं, लेकिन इस बार खुद ये सभी विधानसभा चुनाव जीत पाते हैं इसको लेकर लोगों द्वारा चर्चाएं की जा रही हैं.

प्रदेश के चुनावी रण में इस बार भाजपा और कांग्रेस के 8 पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चुनावी समर में उतरे हैं. इसमें से 4 मुख्यमंत्री बनने की रेस में भी अपने आप को मान रहे हैं. चुनाव में इनके प्रदर्शन पर अगली सरकार के समीकरण बनेंगे. इसमें 4 भाजपा के तो 4 ही कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. चु़नाव में इनके प्रदर्शन पर सभी की नजर लगी हुई है. इस विधानसभा चुनाव में प्रदेश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों का नेतृत्व करने वाले नेताओं के भाग्य का भी फैसला होने वाला है. इन नेताओं के साथ ही उनसे जुड़ी पार्टी का प्रदर्शन भी निर्भर करेगा. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के 10 तत्कालीन व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मैदान में थे. इनमें से 5 को हार का सामना करना पड़ा. (Congress Leaders in Himachal assembly Election )

ये हैं भाजपा के चार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष: इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले के सराज सीट से उम्मीदवार हैं. वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. पार्टी ने पहले ही सत्ता में आने पर उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है. इसके साथ पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ऊना सीट से फिर से चुनावी समर में हैं. इसी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज को इस बार शिमला शहरी से हटा कर कुसुम्पटी से चुनाव लड़ाया गया है. वहीं, एक अन्य पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल सिरमौर जिले की नाहन सीट से चुनाव मैदान में हैं. (BJP Leaders in Himachal assembly Election) (Former Himachal BJP President in assembly election)

हिमाचल के चुनावी रण में भाजपा के दिग्गज नेता.

ये हैं हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष: दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर मंडी की द्रंग सीट से पार्टी का झंडा थामे हुए हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिले की नदौन, कुलदीप सिंह राठौर शिमला के ठियोग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे खीमी राम शर्मा इस बार कुल्लू की बंजार विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. (Himachal Congress Former President)

हिमाचल के चुनावी रण में कांग्रेस के दिग्गज नेता.

चलिए अब सभी पूर्व अध्यक्षों की जीवनी पर एक नजर डाल लेते हैं. बात सबसे पहले वर्तमान में सूबे के मुखिया जयराम ठाकुर की करते हैं.

जयराम ठाकुर: जयराम ठाकुर वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, वह हिमाचल प्रदेश विधान सभा में 5वीं बार विधायक हैं और 2003 से 2005 तक वे भाजपा के उपाध्यक्ष रहे और 2006 में वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने. जयराम 1998, 2003, 2007, 2012 और 2017 विधानसभा चुनाव में वे लगातार जीत रहे हैं, ठाकुर 2009 से 2012 तक ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया था, जयराम ठाकुर उस समय मंडी जिले से मुख्यमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति थे और वर्तमान में वह हिमाचल प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री हैं. (Himachal Pradesh CM Jairam Thakur)

सुरेश भारद्वाज: भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज कॉलेज के दौरान छात्र आन्दोलन में सक्रिय रहे है.वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय सचिव के पद पर कार्यरत रह चुके हैं. वे आपातकाल के दौरान (1975-77) के दौरान कई बार जेल गए, 1977 में हिमाचल प्रदेश लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक बने. जनता युवा मोर्चा की वे अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2003-2006 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे. प्रदेश विधानसभा के लिए 1990 में पहली बार निर्वाचित हुए,वर्ष 2002 में राज्य सभा के लिए चुने गए,दिसम्बर 2007 में दुबारा विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए, मुख्य सचेतक, भारतीय जनता विधायक दल और सभापति, मानव विकास समिति रहे, वर्ष 2012 और 2017 में भारद्वाज हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए.

सतपाल सिंह सत्ती:सतपाल सिंह सत्ती ने भाजपा के लिए लगातार तीन बार 2003, 2007 और 2012 में ऊना निर्वाचन क्षेत्र चुनाव जीता. वह 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के सतपाल रायजादा से हार गए. वह अब कैबिनेट रैंक के साथ हिमाचल प्रदेश के वित्त आयोग के प्रमुख हैं. वह भारतीय जनता पार्टी की हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले अध्यक्ष थे. सत्ती 2010-2012 , 2012-2017 और 2017-2019 तक अध्यक्ष रहे.

डॉ. राजीव बिंदल: राजीव बिंदल हिमाचल प्रदेश विधान सभा में पांचवी बार विधायक बन कर पहुंचे हैं. वह हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष थे. उन्होंने 2000 से 2012 तक लगातार तीन बार विधानसभा में सोलन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. बिंदल ने 1995 से 2000 तक सोलन नगरपालिका के अध्यक्ष का पद संभाला है. वह 2000, 2003 और 2007 में सोलन से विधायक के रूप में चुने गए. वह 2007-2012 तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में शामिल हुए. सोलन निर्वाचन क्षेत्र के आरक्षित होने के बाद, उन्होंने सिरमौर जिले के नाहन से चुनाव लड़ा और लगातार दो बार निर्वाचित हुए. वह हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष बने, और 10 जनवरी, 2018 को संवैधानिक पद पर आसीन हुए. उन्होंने अध्यक्ष के रूप में दो साल बिताए और फिर जनवरी 2020 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कुछ समय तक उन्होंने कार्य किया.

अब बात विपक्ष में बैठी कांग्रेस की करते हैं यहां से भी चार पूर्व अध्यक्ष इस बार चुनावी मैदान में है, कांग्रेस में कौल सिंह ठाकुर, सुखविंदर सिंह सुक्खू, कुलदीप सिंह राठौर और हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए खिमी राम शर्मा शामिल है.

कौल सिंह ठाकुर: कौल सिंह ठाकुर हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और अभी तक आठ बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने पंचायत समिति, मंडी सदर के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. वे 1973 में इसके अध्यक्ष चुने गए और 1977 तक इस पद पर बने रहे. 1977 में कौल सिंह विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए और 1982, 1985, 1993, 1998, 2003, 2007 और 2012 में आठवीं बार विधानसभा के लिए चुने गए. साल 2003 और 2007 में वे हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह और विद्या स्टोक्स जैसे बड़े नेताओं के विरोध के बावजूद कौल सिंह दो बार हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. (Himachal Pradesh elections result 2022) (Himachal Pradesh Election 2022) (Himachal Congress President)

सुखविंदर सिंह सुक्खू: वर्ष 1989 से 1995 तक सुखविंदर सिंह सुक्खू एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे. इसके बाद तीन साल तक वे प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव रहे. वर्ष 1998 में उन्हें प्रदेश युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और इस पद पर वे लगातार दस साल तक रहे. उन्होंने वर्ष 1992 में शिमला नगर निगम के पार्षद पद का चुनाव लड़ा और लगातार दो बार विजयी हुए. वर्ष 2008 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया जिसपर वे चार साल तक रहे. वर्ष 2013 की शुरुआत में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन विधानसभा सीट से विधायक चुने गये. दिसंबर 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें क्षेत्र की जनता ने दोबारा अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा. वे इस कार्यकाल में कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप बनाये गये. वर्ष 2017 के तेरहवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में वे तीसरी बार विधायक चुने गये. सुक्खू 2012 से 2018 में लोकसभा चुनाव से पहले तक हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष रहें हालांकि उन्हें 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान हटाकर वीरभद्र सिंह को 5 माह के लिए अध्यक्ष बनाया गया. (Former Himachal Congress President in assembly election)

कुलदीप सिंह राठौर: कुलदीप सिंह ठाकुर पेशे से वकील हैं और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा के बेहद करीबी माने जाते हैं. कुलदीप सिंह राठौर मूल रूप से शिमला के ठियोग के रहने वाले हैं. राठौर छात्र राजनीति के वक्त से एनएसयूआई से लेकर युवा कांग्रेस में काम करते-करते वह कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे. कुलदीप राठौर मिलनसार के तौर पर पहचाने जाते हैं. अपने मूल पेशे वकालत में भी वह विभिन्न असाइनमेंट पर प्रदेश व प्रदेश से बाहर काम कर चुके हैं. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया 2017 में भी कुलदीप सिंह राठौर ठियोग विधानसभा क्षेत्र से टिकट की रेस में थे, लेकिन उस दौरान उन्हें टिकट नहीं मिल पाई वह इस बार ठियोग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. (Himachal Pradesh Election news) (Himachal Assembly Elections 2022)

खिमी राम शर्मा: अब बात हिमाचल राजनीति में वरिष्ठ नेता खिमी शर्मा की करते हैं भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस में शामिल हुए खिमी राम शर्मा इस बार बंजार विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. खिमी राम शर्मा का राजनीति में प्रवेश 1999 में हुआ था और 2000 में उन्होंने जिला परिषद सदस्य के लिए अपना पहला चुनाव लड़ा और जीता और बाद में 2000 में उन्हें जिला परिषद, कुल्लू के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया. 2003 में उन्हें बीजेपी से बंजार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिला और उन्होंने चुनाव जीता और 2007 में उन्होंने फिर बंजार से चुनाव जीता और 2007 में उन्हें विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया. 2009 में, उन्हें हिमाचल प्रदेश के भाजपा प्रमुख के रूप में चुना गया था. 2011 में, वह राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य बने और हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री के रूप में कार्य किया. 2012 के चुनाव में हार गए. खिमी राम शर्मा आधिकारिक तौर पर एआईसीसी मुख्यालय दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए. 12 जुलाई 2022 को खिमी राम शर्मा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए,और अब कांग्रेस की टिकट पर बंजार से चुनाव लड़ रहे हैं. (Himachal BJP President)

बहरहाल चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आने हैं ऐसे में अभी से ही लोग आकलन लगा रहे हैं कि कौन जीतेगा कौन हारेगा लेकिन सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद है और 8 दिसंबर को किसकी किस्मत खुलेगी यह तभी पता लग पाएगा.

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Last Updated : Nov 27, 2022, 4:44 PM IST

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