सोलन: हिमाचल प्रदेश में मिनी संसद यानी पंचायती राज चुनाव का बिगुल बजने से राजनीति गरमा चुकी है, जहां भाजपा एक ओर पंचायती राज चुनाव में अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस भी जीत हासिल करने का दावा ठोक रही है. कहीं न कहीं पंचायती राज चुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए संजीवनी का कार्य करेंगे.
जिला सोलन में 17 जिला परिषद सीटों की चर्चा करें तो इनमें सलोगड़ा वॉर्ड नंबर-6 की लड़ाई सबसे अहम मानी जा रही है. यहां दो बड़े नेताओं में जीत ही नहीं बल्कि स्वाभिमान की लड़ाई चल पड़ी है. दोनों ही कद्दावर नेता राजनीतिक मैदान में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. अब जीत का सेहरा किसके सिर सजने वाला है इसको लेकर माहौल गर्मा चुका है. जिला के बड़े नेताओं ने भी इस सीट पर नजर गड़ाई हुई है. क्यास लगाए जा रहे हैं कि इस सीट से जीतने वाला प्रत्याशी जिला परिषद अध्यक्ष का दावेदार हो सकता है.
सलोगड़ा वॉर्ड से इस बार भाजपा समर्थित प्रत्याशी तीन बार के जिला परिषद व चेयरपर्सन एक बार की विधानसभा प्रत्याशी कुमारी शीला हैं. वहीं, कांग्रेस की तरफ से एक बार जिला परिषद तीन बार से लगातार नौणी पंचायत के प्रधान रह चुके बलदेव ठाकुर हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के लिए शामती पंचायत से मनोज वर्मा की तरफ से भी टक्कर दी जा रही है. मनोज वर्मा का राजनीतिक मैदान बड़ा नहीं है, लेकिन वह पेशे से वकील हैं और नगर निगम संघर्ष को लेकर काफी सुर्खियों में रह चुके हैं.
विकास के दम पर लगाई जीत की हैट्रिक: शीला
भाजपा समर्थित उम्मीदवार कुमारी शीला का कहना है कि वे लगातार 15 से 20 सालों से पंचायती राज चुनाव में विजय हासिल करती आई है इसका कारण यही है कि वे क्षेत्रों का विकास करती आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की वजह से ग्रामीण लोग उन्हें पंचायती राज चुनाव में जीता कर भेजते हैं। उनका कहना है कहा कि जो उनके विपक्ष में चुनाव लड़ रहे हैं वह सिर्फ एक छोटी सी पंचायत के तीन बार प्रधान रहे हैं पंचायत में विकास करना एक आम बात है लेकिन जिला परिषद की 17 पंचायतों में विकास करना एक चुनौती है। उनका कहना है कि वे जिला परिषद चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा चुकी है वहीं एक बार फिर जीत हासिल करके वह जिला परिषद सदस्य बनेगी.