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राजनीति का अखाड़ा बना सोलन जिला परिषद का वॉर्ड नंबर-6, कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर

जिला सोलन में 17 जिला परिषद सीटों की चर्चा करें तो इनमें सलोगड़ा वॉर्ड नंबर-6 की लड़ाई सबसे अहम मानी जा रही है. यहां दो बड़े नेताओं में जीत ही नहीं बल्कि स्वाभिमान की लड़ाई चल पड़ी है. दोनों ही कद्दावर नेता राजनीतिक मैदान में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. अब जीत का सेहरा किसके सिर सजने वाला है इसको लेकर माहौल गर्मा चुका है.

डिजाइन फोटो
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Published : Jan 3, 2021, 5:08 PM IST

Updated : Jan 3, 2021, 5:44 PM IST

सोलन: हिमाचल प्रदेश में मिनी संसद यानी पंचायती राज चुनाव का बिगुल बजने से राजनीति गरमा चुकी है, जहां भाजपा एक ओर पंचायती राज चुनाव में अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस भी जीत हासिल करने का दावा ठोक रही है. कहीं न कहीं पंचायती राज चुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए संजीवनी का कार्य करेंगे.

जिला सोलन में 17 जिला परिषद सीटों की चर्चा करें तो इनमें सलोगड़ा वॉर्ड नंबर-6 की लड़ाई सबसे अहम मानी जा रही है. यहां दो बड़े नेताओं में जीत ही नहीं बल्कि स्वाभिमान की लड़ाई चल पड़ी है. दोनों ही कद्दावर नेता राजनीतिक मैदान में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. अब जीत का सेहरा किसके सिर सजने वाला है इसको लेकर माहौल गर्मा चुका है. जिला के बड़े नेताओं ने भी इस सीट पर नजर गड़ाई हुई है. क्यास लगाए जा रहे हैं कि इस सीट से जीतने वाला प्रत्याशी जिला परिषद अध्यक्ष का दावेदार हो सकता है.

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सलोगड़ा वॉर्ड से इस बार भाजपा समर्थित प्रत्याशी तीन बार के जिला परिषद व चेयरपर्सन एक बार की विधानसभा प्रत्याशी कुमारी शीला हैं. वहीं, कांग्रेस की तरफ से एक बार जिला परिषद तीन बार से लगातार नौणी पंचायत के प्रधान रह चुके बलदेव ठाकुर हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के लिए शामती पंचायत से मनोज वर्मा की तरफ से भी टक्कर दी जा रही है. मनोज वर्मा का राजनीतिक मैदान बड़ा नहीं है, लेकिन वह पेशे से वकील हैं और नगर निगम संघर्ष को लेकर काफी सुर्खियों में रह चुके हैं.

विकास के दम पर लगाई जीत की हैट्रिक: शीला

भाजपा समर्थित उम्मीदवार कुमारी शीला का कहना है कि वे लगातार 15 से 20 सालों से पंचायती राज चुनाव में विजय हासिल करती आई है इसका कारण यही है कि वे क्षेत्रों का विकास करती आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की वजह से ग्रामीण लोग उन्हें पंचायती राज चुनाव में जीता कर भेजते हैं। उनका कहना है कहा कि जो उनके विपक्ष में चुनाव लड़ रहे हैं वह सिर्फ एक छोटी सी पंचायत के तीन बार प्रधान रहे हैं पंचायत में विकास करना एक आम बात है लेकिन जिला परिषद की 17 पंचायतों में विकास करना एक चुनौती है। उनका कहना है कि वे जिला परिषद चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा चुकी है वहीं एक बार फिर जीत हासिल करके वह जिला परिषद सदस्य बनेगी.

कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार बलदेव ठाकुर का कहना है कि वह राजनीति छोड़ विकास करने में विश्वास रखते हैं. उनका कहना है कहा कि देश भर में नौणी निर्मल ग्राम पंचायत का नाम विकास की गाथा के नाम से जाना जाता है. उनका मानना है कि अगर वह जिला परिषद बनते हैं तो 17 पंचायतों में एक समान विकास करके उसे प्रदेश स्तर पर एक रोल मॉडल बनाएंगे.

भाजपा का गढ़ रहा है सलोगड़ा वॉर्ड

बता दें कि सलोगड़ा वॉर्ड नम्बर-6 भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार समीकरण बदल चुके हैं. इससे पहले मुकाबला एकतरफा ही रहा है. अब भाजपा के लिए यहां कांटे की टक्कर हो चुकी है. इस सीट पर वर्ष 2000 में भाजपा के वीरेंद्र कंवर को कांग्रेस के नेता और वर्तमान सीट के दावेदार बलदेव ठाकुर मात दे चुके हैं. इसके बाद तीन बार लगातार भाजपा की तरफ से कुमारी शीला ने यहां कांग्रेस को मात दी है और वर्ष 2005 से लगातार अब तक तीन बार जीत दर्ज कर चुकी हैं.

वर्ष 2005 से लेकर अब तक की सीट एससी महिला के लिए आरक्षित रही थी, लेकिन ताजा रोस्टर में यह सीट अनारक्षित हो गई है. ऐसे में भाजपा ने ओपन सीट से भी महिला प्रत्याशी शीला पर ही विश्वास जताया है. वहीं, कांग्रेस ने सीट से बलदेव ठाकुर को टक्कर में उतारा है. कांग्रेस का प्रत्याशी अपनी पंचायत में लगातार तीन बार प्रधान रहा हैं. वह यहां निर्विरोध चुनाव जीत चुका है. उनके नेतृत्व में ये पंचायत राज्य स्तर पर पुरस्कार जीतने में कामयाब रही है. इसके साथ ही पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका हैं.

14 पंचायतों के 22000 मतदाता करेंगे फैसला

देखना दिलचस्प होगा कि सोलन जिला परिषद के वॉर्ड नंबर-6 सलोगड़ा वॉर्ड में 14 पंचायतों के 22000 मतदाता किसको जिताकर भेजते हैं. 14 पंचायतों में सलोगड़ा, नौणी, पड़ग, बसाल, धरोट, सेरी, जौनाजी, मशिवर, सेर बनेड़ा, शमरोड, ओछघाट, सनहोल, कोठों व शामती पंचायत शामिल हैं.

Last Updated : Jan 3, 2021, 5:44 PM IST

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