सोलन: सोमवार को नगर पंचायत कंडाघाट और ग्राम पंचायत सिरिनगर में विवाद करीब दिनभर चलता रहा, जहां एक ओर ग्रामीण अपना कार्यालय नगर पंचायत को देने में अड़े रहे.
वहीं, दूसरी ओर प्रशासन भी पुलिस बल के साथ आज कार्यालय को अपने कब्जे में लेने के लिए मुशक्कत करता रहा, लेकिन अंत में नतीजा यह निकला कि जो निर्णय उच्च न्यायालय का होगा वो ग्राम पंचायत और प्रशासन को मान्य होगा, लेकिन अभी प्रशासन की ओर से 1 माह तक ग्राम पंचायत सिरिनगर को कार्यालय दिया गया है.
अपने ही कार्यालय से घंटों रहना पड़ा बाहर
ग्राम पंचायत सिरिनगर की प्रधान राजविंदर कौर ने बताया कि आज सुबह 8 बजे से ग्राम पंचायत को प्रशासन द्वारा पुलिस बल के साथ छावनी में बदल दिया गया. जब उन्होंने अपने ही कार्यालय में अंदर जाना चाहा तो उन्हें भी रोक कर रखा गया, जो कि सरकार और प्रशासन की तानाशाही को दिखाता है.
उच्च न्यायालय का फैसला होगा मान्य
ग्राम पंचायत सिरिनगर के उपप्रधान प्रद्युमन ठाकुर ने कहा कि पिछले 3 दिनों से नगर पंचायत कंडाघाट और ग्राम पंचायत सिरिनगर पंचायत में कार्यालय को लेकर विवाद चल रहा है पहले तो सभी पंचायत के प्रतिनिधि प्रशासन की हर बात मान रहे थे, लेकिन आज सोमवार को प्रशासन द्वारा सुबह 8:00 बजे से ही कार्यालय पर कब्जा करने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया गया.
उन्होंने कहा कि वे 8:00 बजे से लेकर कार्यालय के बाहर खड़े रहे. प्रशासन द्वारा उनके सामान को भी जप्त करने की कोशिश की गई और उसे करके उसे इकट्ठा किया गया. उन्होंने कहा कि आज पंचायत द्वारा हाईकोर्ट में अपील डाली है और जो भी हाईकोर्ट का निर्णय होगा वह उन्हें मान्य होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल ग्राम पंचायत ने अपना एक हॉल नगर पंचायत को देने को तैयार है.