सोलन: कोरोना महामारी ने हर व्यवसाय को घाटे का सौदा बना दिया है. मनोरंजन व्यवसाय से जुड़े लोग भी इससे अछूते नहीं रहे. 15 अक्टूबर से केंद्र सरकार ने सिनेमाघरों को खोलने की मंजूरी दे दी थी. अनलॉक-5 में जारी गाइडलाइन के तहत कुछ शर्तों के तहत देशभर में थियेटर्स खोलने की अनुमति दी गई थी.
जयराम सरकार ने भी हिमाचल में 10 नवंबर से सिनेमाघरों को खोलने की अनुमित दी थी. केंद्र सरकार की गाइडलान के तहत ही हिमाचल में सिनेमाघरों को खोला गया. सिनेमाघरों में मास्क पहनना और दर्शकों के बीच एक सीट की दूरी रखना अनिवार्य है.
हिमाचल में थीयेटर्स खुले हुए एक महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन सिनेमाघर मालिकों को आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया पर व्यवसाय को चलाना पड़ रहा है. सोलन के सुन्दरायन थियेटर का कारोबार भी कोरोना महामारी में ठप्प हो गया है. कोरोना महामारी से पहले थियेटर एक महीने में करीब 5 लाख का मुनाफा कमाता था, लेकिन अब मुश्किल से एक महीने की सेल 10 हजार रुपये हो रही है.
थियेटर कारोबार ठप्प होने का एक कारण तो कोरोना महामारी है. हिमाचल में बढ़ रहे कोरोना मामलों के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे. वहीं, दूसरा बड़ा कारण हाल ही में किसी भी नई मूवी का रिलीज नहीं होना है. थियेटर में बॉलीवुड और हॉलीवुड की पुरानी फिल्मों को दिखाया जा रहा है, जिस वजह से लोग सिनेमाघरों में जाने से गुरेज कर रहे हैं.
कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को मनोरंजन का जरीया बना लिया है. अब वेब सीरीज से लेकर नई फिल्में नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार और अमेजन प्राइम पर रिलीज हो रही हैं. ऐसे में लोग घर बैठे ही अपनी सुविधा अनुसार मेंबरशीप लेकर मनोरंजन कर अपनी पसंद का कॉन्टेंट देख पा रहे हैं, जिस वजह से लोग थियेटर्स का रूख नहीं कर रहे.
हालांकि अभी भी सिनेमाघर मालिकों को उम्मीद है कि वैक्सीन आने पर उनका व्यवसाय पटरी पर लौटेगा. वहीं, नई फिल्में भी पहले की तरह रीलीज होने लगेंगी. इसी आस के सहारे थियेटर मालिक केंद्र सरकार की जारी गाइडलाइन के तहत घाटे का सौदा चला रहे हैं.