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अर्ली वैरायटी सेब पहुंचा तीन हजार के पार, कीमत पर पड़ सकती है बागवानों की जल्दबाजी की मार

सोलन सब्जी मंडी में बागवानों को सेब के इस बार अच्छे दाम मिल रहे हैं. इसलिए किसान बागवान जल्दबाजी में कच्चा सेब मंडी में भेज रहे हैं. ऐसे में अगर आगे भी बागवान इस तरह से जल्दबाजी करते रहे तो इसका असर सेब के दामों पर पड़ सकता है.

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Published : Jul 19, 2020, 5:23 PM IST

apple season in himachal pradesh.
सोलन सब्जी मंडी में पहुंचा अर्ली वैरायटी सेब.

सोलन: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन शुरू हो चुका है. एक ओर जहां बागवानों को स्कैब जैसी बीमारी जकड़ रही है. दूसरी ओर नेपाली लेबर की व्यवस्था का जिम्मा भी बागवानों के कंधों पर है. सोलन सब्जी मंडी में लगातार सेब की आवक पहुंच रही है. इन दिनों सोलन सब्जी मंडी में प्रदेश के निचले हिस्सों करसोग इलाके की अर्ली वैरायटी का सेब मंडी में पहुंच रहा है, जहां बागवानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं.

कोरोना के चलते मंडी में सुरक्षा का रखा जा रहा पूरा ध्यान

वहीं, कोरोना से सुरक्षा के लिए सब्जी मंडी में पुलिस और स्वास्थ्य सुरक्षाकर्मियों को भी लगाया गया है, ताकि बाहर से आने वाले आढ़ती और लदानियों के टेस्ट कर ही उन्हें मंडी में प्रवेश करवाया जाए. लेकिन इन दिनों आढ़तियों को बागवानों के कच्चा सेब मंडियों में भेजने पर सेब का व्यापार करने में समस्याएं आ रही हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

कच्चे सेब की आवक ने आढ़तियों की बढ़ाई चिंता

सोलन सब्जी मंडी में सेब का कारोबार कर रहे आढ़ती राजीव रांटा, यशपाल और पप्पी का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते भी बागवानों को सेब के इस बार अच्छे दाम मिल रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले किसानों को इस बार सेब की पेटियों के 600 से 2800 तक और अच्छी वैरायटी के सेबों के 3000 तक रेट मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान बागवान जल्दबाजी में कच्चा सेब मंडी में भेज रहे हैं. ऐसे में अगर आगे भी बागवान इस तरह से जल्दबाजी करते रहे तो इसका असर सेब के दामों पर पड़ सकता है. उनका कहना है कि उन्हें बागवानों को सेब की अच्छी कीमत देने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन बागवान भी उन्हें अच्छी वैरायटी का पका हुआ सेब दें, ताकि सेब के दामों पर इसका असर ना पड़े.

पिछले साल के मुकाबले इस बार बागवानों को अच्छे मिल रहे दाम

सोलन सब्जी मंडी के सचिव रविंद्र शर्मा ने कहा कि इस बार पिछले साल के मुकाबले से बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं. इन दिनों प्रदेश के निचले हिस्सों से टाइडमैन, छोटा रॉयल और रेड जोन सेब की किस्मों के बागवानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमूमन 600 से 2800 रुपये तक सेब की पेटी का बागवानों को दाम मिल रहा है.

वहीं, रॉयल की अगर अच्छी वैरायटी की बात की जाए तो 3000 तक भी बागवानों को इसके दाम मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक सब्जी मंडी में कुल 10000 बॉक्स सेब के आ चुके हैं, जोकि सोलन सब्जी मंडी और परमाणु सब्जी मंडी को मिलाकर आए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल सोलन सब्जी मंडी में सेब का कुल कारोबार डेढ़ अरब का हुआ था. वहीं, इस बार 2 अरब तक ये आंकड़ा जा सकता है.

डिफॉल्टर कमीशन एजेंट नहीं कर सकेंगे व्यापार

उन्होंने कहा कि पिछले साल कई ऐसे कमीशन एजेंट थे, जिन्होंने किसान बागवानों का पैसा नहीं दिया था. इस बार सब्जी मंडी ने डिफॉल्टर कमीशन एजेंट को लाइसेंस नहीं दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार सिर्फ उन्हीं कमीशन एजेंटों को लाइसेंस दिए जा रहे हैं, जो किसान बागवानों का पिछला पैसा दे रहे हैं. इसी के चलते कुछ एजेंटों ने बागवानों का पिछला पैसा लौटा दिया है, जिसके बाद उन्हें लाइसेंस दिए जा रहे हैं. बागवानो से किसी भी तरह की धोखाधड़ी ना हो इसके लिए भी सब्जी मंडी पूरी तरह से तैयार है और ऐसे डिफॉल्टर कमीशन एजेंटों पर नजर बनाए हुए हैं.

इन वैरायटी की आवक मंडी में शुरू

सब्जी मंडी में इन दिनों मंडी जिला के करसोग से टाइडमैन, रेड जून, रॉयल, स्पर और अन्य वैरायटी के सेब की आवक पहुंचती है. इन दिनों टाइड मैन व रेड जून और रॉयल की आवक भी सब्जी मंडी में आना शुरू हो चुकी है, जिसके किसानों को 800 से लेकर 3000 तक दाम मिल रहे हैं. इस बार प्रदेश में सेब का उत्पादन कम है, जिससे किसान बागवानों को फसल के उम्दा दाम मिल रहे हैं.

इन जगहों से मंडी पहुंच रहे कामगार

जुलाई माह के शुरू होते ही सोलन और परवाणू के मंडियों में रौनक लौटने लगी है. मंडी आने वाले कारोबारी अपने साथ मजदूर भी ला रहे हैं, जिससे सीजन के दौरान मजदूर न मिलने से उनका कामकाज प्रभावित ना हो. इसके चलते बाहरी राज्यों से मंडी में मजदूर पहुंच रहे हैं. करीब 100 मजदूर सोलन मंडी में पहुंच गए हैं. यह मजदूर जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और बिहार से आए हैं. इन्हें क्वारंटाइन कर इनके सैंपल लिए जा रहे हैं. सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही इन्हें मंडी में प्रवेश करने दिया जा रहा है.

हिमाचल में 1 लाख 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में होता है सेब का उत्पादन

हिमाचल में करीब 1 लाख 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब का उत्पादन किया जाता है. जिला शिमला में सबसे ज्यादा सेब का उत्पादन होता है. सेब का कुल उत्पादन का करीब 60 फीसदी उत्पादन अकेले जुब्बल- कोटखाई और चौपाल के क्षेत्र में होता है. कुल्लू और मंडी जिला में भी सेब का उत्पादन होता है. हालांकि, किन्नौर में सेब का क्षेत्रफल अभी कम है. प्रदेश में देश का कुल 21 प्रतिशत सेब का उत्पादन होता है जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सेब का करीब 4500 करोड़ रुपए का कारोबार है.

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