सोलन:हिमाचल में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद से प्लांट में काम कर रहे कर्मचारी और ट्रक ऑपरेटरों की परेशानी बढ़ गई है. बिलासपुर और सोलन स्थित अंबुजा सीमेंट प्लांट को आदेश जारी कर कंपनी द्वारा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है और कंपनी द्वारा गेट पर ताले जड़ दिए गए है. ऐसे में जहां इस फैसले से कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार लटक चुकी है. वहीं, दूसरी तरफ ट्रक ऑपरेटर भी अपने भविष्य को लेकर चिंता में है. इन सभी मुद्दों को लेकर आज दाड़लाघाट में 8 ट्रक ऑपरेटर सोसाइटी ने एक मंच पर आकर बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की है. (Darlaghat Truck Operators Meeting) (Ambuja Cement Plant Darlaghat) (Ambuja cement Plant Closed in Himachal)
30 सालों में पहली बार लगा ताला-बैठक में पहुंचे बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि 30 सालों में पहली बार कंपनी ने ताला लगाया है. आज तक कंपनी सिर्फ ट्रक ऑपरेटरों को ही दोष देते आई है कि सीमेंट के दाम ऑपरेटरों की वजह से बढ़े हैं, लेकिन कंपनी सिर्फ मजदूरों और ट्रक ऑपरेटरों, ट्रांसपोर्टरों का शोषण करना जानती है.
सरकार की मध्यस्थता में बढ़ता और कम होता है किराया-उन्होंने बताया कि 1992 में एग्रीमेंट हुआ था, लैंड लूजर और कंपनी के साथ जिसमें जिक्र किया गया था कि स्थानीय लोगों को काम दिया जाए और रही बात ट्रांसपोर्टर सेक्टर की तो उसमें भी प्रारूप है. यदि किराया वृद्धि को लेकर जब भी फैसला लिया जाएगा तो वो फॉर्मूला के जरिये ही होगा. क्योंकि न तो फॉर्मूला ट्रांसपोर्टरों ने बनाया है न ही कंपनी ने, यह फॉर्मूला सरकार की मध्यस्थता से बनाया गया है.
हिमाचल में मिला रहा महंगा सीमेंट-रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों को हमेशा दोष दिया जाता है कि सीमेंट महंगा हो रहा है. तो वह सिर्फ ट्रांसपोर्टरों की गलती है, लेकिन गलती कंपनी की है सीमेंट जहां पर बन रहा है और बिक रहा है वहां पर महंगाई है और बॉर्डर एरिया पर हिमाचल में चाहे परवाणु हो या फिर कालका वहां पर सस्ते दामों पर सीमेंट बिक रहा है.