सोलन: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के 3 दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई है. इनमें उच्च रक्तचाप, हृदयाघात व संक्रमण के उपचार की दवाएं शामिल हैं. गुणवता के पैमाने पर खरा न उतरने वाली दवा व इंजेक्शन का निर्माण नालागढ़, सोलन व पावंटा साहिब स्थित उद्योगों में हुआ है. इसके अलावा सीडीएससीओ की पड़ताल में उत्तराखंड, बेंगलुरु, सिक्किम, दिल्ली व यूपी स्थित दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं व इंजेक्शन भी फेल हो गए हैं.
ड्रग अर्लट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण हरकत में आ गया है और सबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते किया गया है. फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके अतिरिक्त सबंधित क्षेत्र के मेडिसीन निरीक्षक को दवा उद्योग का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश दिए गए हैं.
प्रदेश में 3 दवाओं के सैंपल फेल
जानकारी के मुताबिक फरवरी माह में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने देश भर के अलग-अलग राज्यों से 1204 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. जांच के दौरान 14 दवाएं व इंजेक्शन सब्सटेंडर्ड पाए गए हैं, जबकि 1190 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई है. जांच सीडीएल कोलकाता, आरडीटीएल चंडीगढ़ व सीडीटीएल मुबंई में करवाई गई. जांच में 14 सैंपल सब्सटेंडर्ड निकले, जिनमें 3 हिमाचल के दवा उद्योगों के हैं. हालांकि इस बार हिमाचल का आंकड़ा बीते महीनों के ड्रग अर्लट रिपोर्ट के मुकाबले काफी कम है.