देहरादून(उत्तराखंड):कोरोना संक्रमण के कारण उत्तराखंड सरकार ने लगातार दूसरे साल कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है. इसके मद्देनजर देशभर से धर्मनगरी हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. इस संबंध में मंगलवार को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में 8 राज्यों के पुलिस आलाधिकारियों से इंफोर्समेंट लागू करने जैसे विषयों पर सामंजस्य को लेकर बैठक का आयोजन किया गया.
कांवड़ यात्रा रद्द और कांवड़ियों के हरिद्वार आने पर प्रतिबंध को लेकर हुई बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे 8 राज्यों के आईजी इंटेलिजेंस स्तर के भी अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि अपने-अपने राज्यों में थाना स्तर पर सोशल मीडिया सहित अन्य तरीकों के प्रचार-प्रसार का सहारा लेकर कांवड़ मेला प्रतिबंध के बारे में जागरूक किया जाएगा.
जबरन प्रवेश पर मुकदमा और 14 दिन क्वारंटाइन
वहीं, दूसरी ओर कोविड महामारी के कारण कांवड़ मेला रद्द होने के बावजूद भी अगर बाहरी राज्यों से कांवड़ियों के जबरन उत्तराखंड में प्रवेश करने की बात सामने आती है तो, ऐसी सूरत में आपदा व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत ना सिर्फ मुकदमा दर्ज किया जाएगा बल्कि, 14 दिन के लिए क्वारंटाइन भी किया जाएगा.
उत्तराखंड के इन बॉर्डर एरिया पर दबाव
जानकारी के मुताबिक 23 जुलाई 2021 से 6 अगस्त 2021 तक चलने वाला कांवड़ मेला पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है. ऐसे में सबसे अधिक पुलिस की चुनौती उत्तराखंड से लगे कुछ खास बॉर्डर एरिया पर बढ़ सकती है. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक सबसे अधिक दबाव दिल्ली से लगते नारसन बॉर्डर और सहारनपुर सेलगती मंडावरी बॉर्डर पर रहता है. ऐसे में अन्य स्थानों की तरह यहां भी अतिरिक्त पोस्ट लगाकर कांवड़ मेला प्रतिबंध पर इंफोर्समेंट को लागू किया जाएगा.
वहीं, दूसरी ओर हरिद्वार से लगता खानपुर वाला यूपी बॉर्डर और देहरादून के हिमाचल से लगता पांवटा बॉर्डर भी महत्वपूर्ण है. यहां कांवड़ियों का दबाव अधिक होने के चलते पुलिस की अतिरिक्त तैनाती कर चौकसी बढ़ाई जाएगी.
कांवड़ में इन राज्यों से आते हैं भक्त
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक पिछले वर्षों की बात करें तो लगभग 31% कांवड़ मेला में शिरकत करने वाले श्रद्धालु हरियाणा राज्य से उत्तराखंड पहुंचते हैं. वहीं, 27% श्रद्धालु उत्तर प्रदेश से सावन पर कांवड़ लेने आते हैं.
अनुमति से ले जा सकते हैं गंगाजल