नाहनः हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के गृह विधानसभा क्षेत्र में कुदरत ने पर्यटन की अपार संभावनाएं दी हैं, लेकिन अब तक रही सरकारों ने यहां की जनता को पर्यटन के नाम पर केवल झुनझुना ही थमाया है. सरकार चाहे सबसे ज्यादा सत्ता सुख भोगने वाली कांग्रेस की रही हो या फिर भाजपा की, किसी ने इस दिशा में कुछ नहीं किया.
अब एक बार फिर क्षेत्र में चुनाव होने जा रहे हैं तो ईटीवी भारत चुनावी मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंचा है, जिसमें सबसे अहम मुद्दा यहां पर्यटन का ही है. लोगों को नए विधायक से अनेक अपेक्षाएं भी हैं. पच्छाद के राजगढ़, लाना भलटा, बडू साहिब, खैरी आदि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जोकि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं. खासतौर पर गिरी नदी घाटी में ऊंचे-ऊंचे पर्वतों के बीच से साल भर बहने वाले झरने व ऐडशूट नजारे शामिल है.
वहीं, यहां का बड़ा इलाका रेणुका बांध परियोजना के तहत डूब जाएगा. बांध बनने पर यहां पर्यटन की और अधिक संभावनाएं बनने वाली है. ऐसे में यहां के लोगों की मांग है कि पर्यटन की दृष्टि से विकास हो, ताकि रोजगार भी बढ़े और क्षेत्र का समुचित विकास भी हो सके. प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार का भी यह गृह निर्वाचन क्षेत्र रहा है और लोगों को नए विधायक से उम्मीद है कि वह पर्यटन विकास की ओर विशेष ध्यान देंगे.
पच्छाद के लाना भलटा निवासी ने बताया कि यह इलाका प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, परंतु यहां पर्यटन विकास नहीं हो पाया है. किसी भी सरकार ने कुछ नहीं किया. वहीं पच्छाद निवासी का कहना था कि यह क्षेत्र पर्यटन की संभावनाओं से भरपूर है. नए विधायक से उम्मीद है कि वह इस बार जरूर योजना बनाकर विकास करेंगे. उधर स्थानीय निवासी ने बताया कि आज तक पच्छाद को पर्यटन विकास से दूर ही रखा. अब बांध बनने से पर्यटक भी इस और अधिक आएंगे. ऐसे में सरकार को पर्यटन विकास को बढ़ावा देना चाहिए.
कुल मिलाकर पर्यटन के नाम पर हिमाचल निर्माता के इस गृह विधानसभा क्षेत्र की सरकारों व यहां से बनने वाले जनप्रतिनिधियों ने जमकर अनदेखी की है. अब देखना यह होगा कि पर्यटन के क्षेत्र में उपचुनाव में बनने वाले नए विधायक काम करते हैं या फिर पहले वाले जनप्रतिनिधियों की तरह वह भी क्षेत्र की अनदेखी ही करेंगे.