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सड़क हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से अब नहीं होगी कोई पूछताछ

सड़क हादसे में घायल को नजदीक के अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से अब पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की पूछताछ नहीं की जाएगी और उन्हें तुरंत जाने की अनुमति होगी. आरटीओ सिरमौर सोना चौहान ने बताया कि सरकार द्वारा 2015 में गुड सेमेरिटन के तहत एक नोटिफिकेशन निकाली गई थी, लेकिन इसके तहत नियमों की अधिक जानकारी न होने के कारण लोगों को इस बारे में जागरूक करने के निर्देश सरकार की तरफ से मिले हैं.

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सड़क दुर्घटना

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Published : Sep 11, 2020, 11:46 AM IST

Updated : Sep 11, 2020, 12:23 PM IST

नाहन:सड़क हादसे में घायल को नजदीक के अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से अब पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की पूछताछ नहीं की जाएगी और उन्हें तुरंत जाने की अनुमति होगी. साथ ही किसी भी तरह की जानकारी देने के लिए भी संबंधित व्यक्ति को बाध्य नहीं किया जा सकता. इस बाबत सरकार ने लोगों को जागरूक करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं. यह जानकारी नाहन में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) सोना चौहान ने दी.

आरटीओ सिरमौर सोना चौहान ने बताया कि सरकार द्वारा 2015 में गुड सेमेरिटन के तहत एक नोटिफिकेशन निकाली गई थी, लेकिन इसके तहत नियमों की अधिक जानकारी न होने के कारण लोगों को इस बारे में जागरूक करने के निर्देश सरकार की तरफ से मिले हैं.

वीडियो रिपोर्ट

आरटीओ ने बताया कि इस नोटिफिकेशन के तहत सरकार ने फैसला लिया है कि मुसीबत में मदद करने वाला व्यक्ति (गुड सेमेरिटन) किसी सिविल या आपराधिक दायित्व के लिए उत्तरदायी नहीं होगा और न ही व्यक्ति से किसी प्रकार की पूछताछ की जाएगी. केवल प्रत्यक्षदर्शी व्यक्ति को पुलिस द्वारा पता बताने के बाद जाने दिया जाएगा.

आरटीओ सोना चौहान ने बताया कि कोई बाई स्टैंडर या गुड सेमेरिटन जो सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति की सूचना पुलिस को देगा अथवा आपातकालीन सेवाओं के लिए फोन कॉल करता है, उसे फोन पर अथवा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना नाम और व्यक्तिगत विवरण देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के मुताबिक संबंधित नोटिफिकेशन को लेकर सरकार ने कई तरह के दिशा-निर्देश दिए हैं. आरटीओ ने बताया कि सरकारी व निजी अस्पतालों को भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि गुड सेमेरिटन के तहत जो भी निर्देश हैं, वह अस्पतालों के बाहर उन्हें प्रदर्शित करें, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि दुर्घटना से संबंधित किसी भी तरह की सूचना देने के लिए उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा.

सोना चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने वाले नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें उचित इनाम देने का भी फैसला लिया गया है. उल्लेखनीय है कि सड़क दुर्घटना होने की सूरत में पुलिस पूछताछ के डर से कई बार पीड़ितों को समय रहते मदद नहीं मिल पाती, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और दुर्घटना पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से पुलिस पूछताछ नहीं कर सकेगी.

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Last Updated : Sep 11, 2020, 12:23 PM IST

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