पांवटा साहिब:पांवटा शहर में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे यहां रह रहे लोगों को घर से निकलने में भी डर लगता है. गलियों में ये कुत्ते हर आने-जाने वाले पर भौंकते हैं. कई बार इन कुत्तों के काटने के मामले भी सामने आते हैं. कई बार निगम की ओर से इस पर कार्रवाई भी की गई, लेकिन कुछ दिनों की राहत के बाद समस्या जस की तस हो जाती है.
आवारा कुत्तों की समस्या पॉश इलाकों और बस्तियों दोनों में देखने को मिलती है, लेकिन बस्तियों में इनकी समस्या पॉश इलाकों से थोड़ी ज्यादा होती है क्योंकि इन इलाकों में कुत्तों को कूड़े से खाने के लिए मिल जाता है, जिससे इनकी संख्या भी इन इलाकों में बढ़ती ही जा रही है.
शिवपुर के रविंदर सिंह बताते हैं कि इन आवारा कुत्तों से अपने घर में पालतू कुत्ते को बचाना भी मुश्किल हो गया है. साथ ही गांव में दूसरे पशुओं जैसे गाय, भैंस और बकरियों को भी आवारा कुत्तों से खतरा है. इन कुत्तों के काटने पर दूसरे जानवरों को भी बीमारियों का खतरा रहता है. साथ ही बच्चों और बुजुर्गों पर ये कुत्ते झपट पड़ते हैं. हालत यह हो गई है कि गली मोहल्लों में खेलते बच्चे अक्सर इनके हमलों के शिकार हो रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन और सरकार की ओर से आवारा कुत्तों के कारण हो रही समस्या को लेकर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
यही नहीं पांवटा बस स्टैंड के पास तो कुत्तों के झुंड नजर आते हैं. हाल ही में एक व्यक्ति को इन आवारा कुत्तों ने काट कर घायल कर दिया था. इसी को लेकर स्थानीय लोग प्रशासन से इस समस्या का को स्थायी समाधान निकालने का बात कर रहे हैं.
केमिस्ट डॉ. ललित मैदान बताते हैं कि कुत्ते के काटने पर 1500 से लेकर दो हजार तक का खर्चा एक व्यक्ति का आता है. पांवटा साहिब की गोंदपुर इंडस्ट्री एरिया में सबसे ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं. इन सभी लोगों को सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने के लिए कहा जाता है.
वहीं, पांवटा साहिब के पशु चिकित्सक वरिष्ठ डॉ. ललित अजवानी ने बताया कि पांवटा साहिब के कई इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है. विभाग इन पर लगाम लगाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन सुविधाएं ना होने के कारण आवारा कुत्ते पकड़ में नहीं आते.
कुछ क्षेत्रों में लोग आवारा कुत्तों को पकड़कर इंजेक्शन लगवाने में मदद करते हैं, ज्यादातर ऐसा देखने को नहीं मिलता. डॉ. ललित अजवानी नेे कहा कि कुत्ते के गाय को काटने पर दूध से लोगों को भी जहर फैल सकता है. इसलिए हमेशा दूध उबाल कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले एक गांव से एक ही परिवार के 15 लोगों को कुत्ते के काटने इंजेक्शन लगाने पड़े थे. इसके अलावा निहालगढ़ में भी एक व्यक्ति कुत्ते के काटने से पागल हो गया था.