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सिरमौर में आवारा कुत्ते ने नोचे दो मासूम, 7 वर्षीय बच्ची पीजीआई रेफर

Dogs attacked children in Nauhradhar village, हिमाचल में सिरमौर के नौहराधार गांव में एक कुत्ते ने 2 बच्चों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह नोच खाया. इनमें से एक बच्चा साढ़े चार साल और दूसरी बच्ची सात साल की थी. पढ़ें पूरी खबर...

Dogs attacked children in Nauhradhar village
अस्पताल में उपचाराधीन सात साल की बच्ची

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Published : Jan 29, 2023, 5:22 PM IST

नाहन:सिरमौर जिले के नौहराधार क्षेत्र में आवारा कुत्ते ने दो मासूम बच्चों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया. इनमें से एक 7 वर्षीय बच्ची को प्राथमिक उपचार के बाद पीजीआई रेफर कर दिया गया है, जबकि एक अन्य बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है. घटना के बाद क्षेत्र में डर का माहौल पैदा हो गया है. जानकारी के अनुसार नौहराधार में आवारा कुत्ते ने एक साढ़े चार साल के बच्चे अथर्व पर उस वक्त हमला कर दिया, जब वह अपने घर में खेल रहा था. अचानक ही कुत्ता बच्चे पर झपट गया और उसकी अंगुली और सिर से नोच दिया. आसपास के लोगों ने मौके से कुत्ते को भगाया. इसके बाद कुत्ते ने इसी गांव में गली में खेल रही दूसरी 7 वर्षीय एक बच्ची रागिनी पर भी हमला कर दिया.

कुत्ते ने रागिनी को मुंह पर बुरी तरह से नोच डाला. गांव के लोगों ने कुत्ते को यहां से भी भगाया. दोनों बच्चों को परिजनों ने स्थानीय अस्पताल पहुंचाया. यहां अथर्व का इलाज चल रहा है. जबकि दूसरी बच्ची रागिनी की गंभीर हालत के चलते राजगढ़ अस्पताल रेफर किया गया है. परिजनों के अनुसार बच्ची को राजगढ़ से सोलन और वहां से पीजीआई रेफर कर दिया गया है. बच्ची की आंख की सर्जरी की जाएगी.

बच्चे-बुजुर्गों पर झुंड बनाकर हमला कर रहे कुत्ते

बता दें कि क्षेत्र में कुत्तों की तादाद इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लोगों को अब सड़कों, गांव, बाजार से निकलने में डर लगने लगा है, क्योंकि आवारा कुत्ते कई लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं. इसके बाद भी प्रशासन द्वारा उन्हें पकड़ने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है. कई बार तो यह कुत्ते झुंड के रूप में बच्चों-बुजुर्गों पर हमला तक कर देते हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों बुजुर्गों को बचाना मुश्किल हो जाता है.

आवारा कुत्तों को पकड़कर भेजा जाए शेल्टर

ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कुत्तों का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है. छोटे बच्चों को बाहर भेजना मुश्किल हो गया है, मगर प्रशासन द्वारा इन कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. गांव के लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर भेजा जाए, क्योंकि कुत्तों के बढ़ते आतंक से आम लोग परेशान हैं.

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