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सिरमौर: अदालत ने दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को ने सुनाई सजा - Sirmour court news

सिरमौर की अदालत ने दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों (Rape case in Sirmaur) में दोषियों को क्रमश: 10 व 7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. पहले मामले में अदालत ने दुष्कर्म के पहले मामले में दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. वहीं, दूसरे मामले में 7 वर्ष की सजा सुनाई गई है. पढे़ं पूरी खबर...

Sirmour court news
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Published : Dec 31, 2022, 5:49 PM IST

नाहन: सिरमौर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट अरविंद कुमार की अदालत ने दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों (Rape case in Sirmaur) में दोषियों को क्रमश: 10 व 7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. पहले मामले में अदालत ने दुष्कर्म के पहले मामले में दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. विशेष न्यायवादी जोगिंद्र सिंह ने बताया कि मामला 16 फरवरी 2018 का है.

आरोपी बाबूराम, पुत्र भीम पाल, निवासी मरयोग, तहसील और थाना पच्छाद, जिला सिरमौर पर नाबालिक के साथ जबरन दुष्कर्म करने का आरोप था. अदालत ने आरोपी बाबूराम को विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया. अदालत ने दोषी बाबूराम को आईपीसी की 363 के तहत 5 वर्ष का कारावास और 2000 हजार रुपए जुर्माना, आईपीसी 366 के तहत 7 वर्ष का कारावास और 5000 रूपए जुर्माना, आईपीसी 376(2) के तहत 10 साल का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.

जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 1 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. विशेष न्यायवादी जोगिंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने दोषी को गिरफ्तार कर मामले में छानबीन करने के बाद अदालत में चालान पेश किया था। इस पर अदालत ने 17 गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर दुष्कर्म के दोषी बाबूराम को उपरोक्त सजा सुनाई.

दूसरे मामले में दोषी को 7 वर्ष का कठोर कारावास:दुष्कर्म के दूसरे मामले में अदालत ने दोषी को 7 वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. विशेष न्यायवादी जोगिंद्र सिंह ने बताया कि यह मामला 21 फरवरी 2018 का है. आरोपी काकू राम, पुत्र मुंडीराम, निवासी दुगना तहसील, कमरऊ, जिला सिरमौर पर भी नाबालिक के साथ दुष्कर्म का आरोप था. विशेष न्यायवादी ने बताया कि काकू राम ने पहले नाबालिक को तिलौरधार सड़क से जंगल की ओर खींचा और उसके साथ दुष्कर्म किया.

दुष्कर्म के बाद आरोपी ने नाबालिक को 500 रुपये देने का भी प्रयास किया. साथ ही इस घटना के बारे में किसी से कुछ भी कहने के लिए दबाव भी बनाया. नाबालिक ने अपने साथ हुई घटना को परिजनों को बताया. इसके बाद पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई. पुलिस ने मामले में छानबीन करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया. अदालत ने 15 गवाहों के बयान और सबूतों के बाद आरोपी काकूराम को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई.

दोषी को आईपीसी की धारा 341 के तहत 1 महीने की सजा, 500 रूपए जुर्माना, आईपीसी 376 के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास और 5000 जुर्माना, आईपीसी 506 के तहत 3 वर्ष का कारावास और 2000 जुर्माने अदा करने के आदेश दिए. जुर्माना अदा करने की सूरत में दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. विशेष न्यायवादी ने बताया कि यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.

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