पांवटा साहिब:हिमाचल प्रदेश में एक ओर जहां सरकारें विकास के बड़े-बड़े दावे करती हैं. वहीं, आज भी कुछ गांव मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हर गांव पहुंचने की बात की जाती है, लेकिन वहीं, प्रदेश में कई गांवों में आज तक सड़क सुविधा तक नहीं है. ग्रामीण हर रोज कई किलोमीटर का घंटों का सफर तय करते हैं और अपने रोजमर्रा का काम करते हैं. हालात तब बदतर हो जाते हैं, जब गांव में कोई बीमार होता है. ऐसे में सड़क सुविधा न होने के चलते एंबुलेंस भी नहीं पहुंच सकती. जिसके चलते मरीज को अस्पताल पहुंचाने में लोगों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. कई कुर्सी पर बैठा कर, कभी चारपाई पर लेटा कर, कभी पालकी में, तो कभी डंडों के सहारे मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है.
7KM तक कंधे पर मरीज को उठाया: ऐसा ही एक मामला सिरमौर जिले से सामने आया है. जहां सरकार के विकास के दावों की पोल खुलते हुए नजर आ रही है. दरअसल शिलाई विधानसभा क्षेत्र के बड़वास पंचायत के तहत टिक्कर कुनैर गांव अभी तक सड़क सुविधा से वंचित है. ताजा मामले में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला बीमार हो गई. अस्पताल ले जाने के लिए किसी गाड़ी की व्यवस्था नहीं थी, क्योंकि गांव में सड़क ही नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों ने बीमार बुजुर्ग महिला को डंडे से बांधकर कंधों पर उठाकर 7 किलोमीटर पैदल चलकर सतौन सड़क तक पहुंचाया. जहां से मरीज को अस्पताल ले जाया गया.
मिली जानकारी के अनुसार टिक्कर कुनैर की गुमानु देवी (75 वर्षीय बुजुर्ग महिला) काफी समय से बीमार है. महिला के बेटे सुरेश कुमार व ग्रामीण धनवीर सिंह, चानन सिंह, संदीप कुमार आदि ने बताया कि बुजुर्ग महिला को रीढ़ की हड्डी में दर्द होता था. जिसके कारण डॉक्टरों ने महिला की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया था. महिला को ऑपरेशन के बाद जब घर लाए तो उसे फिर से अचानक तेज दर्द उठा. जिसके बाद उन्होंने डंडों से मरीज को बांधा और कंधों पर उठाकर 7 किलोमीटर पैदल चले और उसके बाद सतौन सड़क से अस्पताल ले गए.