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Paddy Cultivation: अब बिन पौध के भी तैयार हो सकेगी धान की फसल, सिरमौर में ट्रायल सफल, असिंचित क्षेत्रों में भी होगी खेती

सिरमौर जिला में कृषि विभाग ने बिजाई को लेकर एक सफल ट्रायल किया है. जो आने वाले दिनों में किसानों के काफी फायदेमंद साबित होगा. अब किसानों को धान की खेती के लिए पौध पर निर्भर नहीं रहना होगा. साथ ही कम पानी में ही धन की अच्छी पैदावार हो जाएगी. इसके अलावा असिंचित क्षेत्रों में भी अब धान आसानी से उग सकेगी. पढ़िए पूरी खबर...(Paddy cultivation) (paddy crop prepared without seedlings)(Sirmaur District Agriculture Department).

Paddy Cultivation
बिन पौध के भी तैयार हो सकेगी धान की फसल

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 2, 2023, 3:16 PM IST

Updated : Sep 2, 2023, 6:18 PM IST

बिन पौध के भी तैयार हो सकेगी धान की फसल

नाहन: सिरमौर जिला के मैदानी क्षेत्रों में धान की व्यवसायिक खेती की जाती हैं. विशेषकर पांवटा साहिब सहित यहां के कई इलाकों में काफी संख्या ने धान उगाया जाता है. धान की फसल के लिए पानी काफी आवश्यक होता है. लिहाजा बारिश पर इसकी निर्भरता रहती है. धान लगाने के लिए किसान को पहले पनीरी तैयार करनी पड़ती है या फिर खरीदनी पड़ती है. इसे लगाने को भी खेतों में पानी चाहिए होता है, लेकिन अब किसान को न तो धान की पनीरी तैयार करनी पड़ेगी और न ही खरीदनी होगी, क्योंकि सिरमौर जिला में कृषि विभाग ने बिजाई को लेकर एक ट्रायल किया है, जो काफी सफल रहा है.

इसमें किसान धान को रोपने की बजाए सीधे अपने खेतों में बिजाई करेगा और केवल सामान्य पानी की ही आवश्यकता होगी. सिरमौर जिला कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ राजेन्द्र ठाकुर ने बताया कि विभाग ने प्राकृतिक खेती पर आधारित सीधे धान बिजाई का एक ट्रायल अपने फार्म भंगानी पांवटा साहिब में किया था, जो काफी सफल रहा है. उन्होंने बताया कि धान की फसल को लेकर प्राकृतिक विधि से बिजाई करने का यह ट्रायल डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर किया गया था. इसमें धान के साथ बीच में माश इत्यादि की फसल भी लगाई जा सकती है.

इसका लाभ यह है कि अब धान को कम पानी वाले क्षेत्रों में भी लगाया का सकता है. इससे किसानो को लाभ मिलेगा और वह धान की पनीरी तैयार करने या खरीदने से भी बच सकेंगे. दूसरे धान भी उत्तम किस्म का पैदा होगा. बता दें कि विभाग ने अपने फार्म में डेढ़ हेक्टेयर में से 5 बीघा पर एच.पी.आर. 2143, 6 बीघा पर एच.पी.आर. 2656 व 3 बीघा पर कस्तूरी बासमती की किस्में उगाई थी, जिनके अच्छे परिणाम आ रहे हैं.

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Last Updated : Sep 2, 2023, 6:18 PM IST

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