पांवटा साहिब: कोरोना काल में देश के साथ-साथ प्रदेश में भी सभी धार्मिक स्थल बंद है. इसी के चलते ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब भी पिछले पांच महीनों से बंद है. कोरोना से पहले यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु शीश नवाने पहुंचते थे.
वहीं, इन दिनों इस गुरुद्वारे के बंद होने से यहां आस-पास दुकान लगाने वाले लोगों की आमदनी नहीं हो रही है, जिसके कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां दुकान करने वाले दुकानदारों ने कहा कि गुरुद्वारा मार्केट लॉकडाउन के बाद से बंद है.
इसके चलते उनकी कोई आमदनी नहीं हो रही है. ऐसे में बैंकों से लिए गए लोन की किश्त देनी भी मुश्किल हो रही है. किश्तों के लिए हर रोज बैंकों से फोन आ रहे हैं, लेकिन इनकम का जरिया बंद होने से व्यापारी इस समय दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो रहे हैं.
व्यापारियों का कहना है कि सरकार को जल्द धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए. इससे पर्यटक और श्रद्धालु इन स्थलों की ओर रूख कर पाएंगे, जिससे शहर में फिर से चहल-पहल लौट सकेगी. इससे उनकी आमदनी भी पहले की तरह होनी शुरु होगी.
हालांकि, कैबिनेट बैठक में धार्मिक स्थलों को जल्द खोलने की बात कही जा रही है. ऐसे में पांवटा गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधन भी सतर्क होता नजर आ रहा है. वहीं, पांवटा साहिब के गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधक के मैनेजर जागीर सिंह से ने बताया कि पांवटा ऐतिहासिक गुरुद्वारा में कई तरह के प्रबंध श्रद्धालुओं के लिए किए गए हैं.
गुरुद्वारा में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को सेनिटाइज किया जाएगा. सरकार की दी गई गाइडलाइन का गुरुद्वारा प्रबंधक पूरा पालन करेगा. रहन-सहन व हर तरह की सुविधा गुरुद्वारा कमेटी द्वारा श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जाएगी.
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