नाहन: प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने और खर्चों को कम करने की दृष्टि से इलेक्ट्रिक व्हीकलों को बढ़ावा दे रही है. इसी के तहत सिरमौर जिले को भी पहला सरकारी इलेक्ट्रिक व्हीकल मिल गया है. जिसमें जिले का आरटीओ कार्यालय सफर करेगा. सोमवार को जिले में पहला सरकारी इलेक्ट्रिक व्हीकल आरटीओ कार्यालय नाहन में पहुंच चुका है. करीब 18 लाख रुपये की लागत के यह इलेक्ट्रिक व्हीकल कई मामलों में खास है.
आरटीओ कार्यालय सिरमौर के कार्यवाहक आरटीओ सचिंद्र चौधरी ने बताया कि सरकार की मंशा है कि पेट्रोल-डीजल से चलने वाली ईंजन संचालित गाड़ियों को हटाया जाए. पहले जब इन्हें सरकारी कार्यालयों से हटाया जाएगा, तभी लोगों को भी प्रेरित किया जा सकता है कि वह भी अपनी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में तब्दील करें. उन्होंने बताया कि जिले को मिले इस पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी 8 साल के लिए वेलिड होगी. 8 साल तक रिपलेसमेंट की गारंटी होगी. एक बार चार्ज करने पर यह वाहन 420 से 450 किलोमीटर का सफर तय करता है. यदि इस वाहन को निजी स्तर पर भी चार्ज करवाएं, तो इसे चार्ज करने में 30 यूनिट बिजली खर्च होती हैं. यानी 30 यूनिट का मतलब है कि 450 रुपये में यह चार्ज हो सकती है. लिहाजा इस पर एक रुपये प्रति किलोमीटर चार्ज बैठता है.
उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा है कि फिलहाल सरकारी कार्यालयों की सभी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक व्हीकलों में तब्दील किया जाए. नाहन-पांवटा, कालाअंब से पांवटा और पांवटा से शिलाई हाइवे ग्रीन कोरिडोर बनाए जाने हैं. लिहाजा इन रूटों पर भी इलेक्ट्रिक बसें ही चलाई जाएंगी. इसके लिए जगह-जगह जिला में चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं, जिसके लिए भूमि का चयन भी हो चुका है. ऐसे में बाहरी राज्यों से आने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकलों को भी इन चार्जिंग स्टेशनों पर चार्ज किया जा सकेगा.