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सड़क की घटिया मेटलिंग करने वालों की अब खैर नहीं, होगी सख्त कार्रवाई

पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय उच्च मार्ग के मेटलिंग कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने पर इस कार्य की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी. मामले में दोषी पाए जाने वाले ठेकेदार और संबधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Jul 9, 2019, 8:50 PM IST

नाहन में विकास कार्यों पर समीक्षा बैठक.

नाहन: हिमाचल प्रदेश विधानसभा प्राक्कलन समिति ने मंगलवार को सिरमौर में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की. बैठक की अध्यक्षता सभापति रमेश ध्वाला ने कहा कि शिलाई-पांवटा के प्रवास के दौरान लोगों द्वारा समिति के समक्ष पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय उच्च मार्ग के मेटलिंग कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने बारे शिकायत की गई और समिति सदस्यों द्वारा इस कार्य का निरीक्षण भी किया गया. उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि घटिया कार्य करने पर संबधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्रवाई की जाए.

नाहन में विकास कार्यों पर समीक्षा बैठक.

प्राक्कलन समिति के सभापति ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यों में गुणवता एवं पार्दशिता का विशेष ध्यान रखा जाए और सरकारी धन का सही सदुपयोग किया जाए. इसके अलावा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए कि किसी भी ठेकेदार को अधिक कार्य न दिया जाए, इससे कार्य में देरी होती है और गुणवता पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है. उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि नई सड़कें बनाने से पूर्व संबधित गांव के लोगों के साथ बैठक कर सहमति ली जाए, ताकि सड़क निर्माण में स्थानीय लोगों को कोई दिक्कतें न आए. रमेश ध्वाला ने विभाग को निर्देश दिए कि सड़कों पर चिन्हित ब्लैकस्पॉट को दुरूस्त किए जाए ताकि सड़क के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके.

रमेश ध्वाला ने कहा कि जिला में अब तक कुल 3,882 हैंडपंप स्थापित किए गए थे जिनमें से लगभग 15 प्रतिशत हैंडपंप घटते जलस्तर के कारण बंद पड़े हैं, जिन्हें मुरम्मत कराने के निर्देश दिए गए . उन्होने कहा कि टैंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जानी चाहिए और पेयजल एवं सिंचाई योजनाओें के रखरखाव के बढ़ते व्यय पर निगरानी की जानी चाहिए.

ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा करते हुए सभापति ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस चलने योग्य सड़के निर्मित की जानी चाहिए. प्रदेश सरकार द्वारा सीधे तौर पर पंचायतों को उदारता से धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है, लेकिन यह चिंता का विषय है कि पंचायतों में करोड़ों की राशि लंबित पड़ी है जिन्हें विकास कार्यों पर व्यय किया जाना चाहिए. रमेश ध्वाला ने इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह फील्ड में जाकर विकास कार्यों का स्वयं निरीक्षण करें, ताकि विकास कार्यों को सही मायनों में धरातल पर उतारा जा सके.

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