राजगढ़ः हिमाचल प्रदेश में फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई हिमाचल पुष्प क्रांति योजना प्रदेश के किसानों व बागवानों के लिए बेहद कारगर सिद्ध हो रही है. योजना का मुख्य उद्देश्य फूलों की खेती को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर आने वाले समय में हिमालच को पुष्प राज्य के रूप में विकसित करना है.
आर्थिकी भी हुई सुदृढ़
जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के गांव बरोठ के रहने वाले सुरेन्द्र कुमार कहते हैं कि अब तक खेती-बाड़ी से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. पर इसके साथ ही उनकी रुचि फूलों की खेती में थी. खेती-बाड़ी व अन्य घरेलू कार्याें में व्यस्त रहने वाले सुरेन्द्र कुमार के चेहरे पर एक मुस्कान तब नजर आई जब उन्हें हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के बारे में पता चला. इसलिए उन्होंने कुछ नया करने का मन बना लिया. जिससे उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई.
समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी की सुविधा
सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत विभिन्न किस्मों के फूल तैयार करने के लिए उच्च तकनीक वाले पाॅलीहाउस बनाने और पुष्प की खेती के बारे में किसानों व बागवानों को समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी दी जाती है. इस योजना के तहत किसानों को गुलाब, कारनेशन, लीलियम तथा जरबेरा जैसे मुख्य पुष्पों के उत्पादन के लिए 85 प्रतिशत का अनुदान भी विभाग द्वारा दिया जाता है. इसके अलावा इन फूलों की पनीरी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है. इसके बाद उन्होंने पुष्प की खेती के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर बागवानी विभाग के कार्यालय राजगढ़ में आवेदन दिया.