पांवटा साहिब: दुर्गम क्षेत्र शिलाई के स्यासु में बेशकीमती पत्थर के अवैध खनन का भंडाफोड़ हुआ है. खनन विभाग की टीम ने मौके पर पत्थरों से भरे कई बोरे बरामद किए हैं. बोरों में भरकर रखे गए पत्थर गेलेना बताया जा रहा है. पुलिस ने पत्थर के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं.
गुप्त सूचना के आधार पर माइनिंग विभाग की टीम को अवैध खनन की सूचना मिली थी. इसके बाद माइनिंग विभाग के अधिकारियों ने टीम गठित कर जान जोखिम में डालकर अवैध खनन का पर्दाफाश किया. बताया जा रहा है टोंस नदी के किनारे स्यिासु नाम की जगह पर बेशकीमती गेलेना पत्थर का खनन हो रहा था. पत्थर को निकालने के बाद इसे बोरों में भरकर सीमावर्ती राज्य उत्तराखंड के रास्ते ठीकाने लगाया जा रहा था. बताया जा रहा है कि भारी मशीनरी के जरिए पत्थर की खुदाई हो रही थी. ढुलाई के लिए गाड़ियों, मजदूरों और खच्चरों का इस्तेमाल भी हो रहा था.
बोरों में भरे गए थे पत्थर
मामले की जानकारी मिलते ही खनन विभाग के अधिकारियों ने हिमाचल और उत्तराखंड की सीमाओं पर दबिश दी, लेकिन खनन माफिया भनक लगते ही मौके से फरार हो गया. खनन में लगी जेसीबी मशीन तेज रफ्तार में उत्तराखंड की ओर भाग गई, लेकिन उत्तराखंड के कवाणु से जेसीबी मशीन को कब्जे में ले लिया गया है. इसके साथ ही पुलिस ने अवैध माइनिंग साइट पर खड़ी बाइक और खद्दान से निकालकर बोरों में भरे गए बेशकीमती पत्थर को भी कब्जे में ले लिया है.
विभाग ने लिया सैंपल
पत्थर देखने पर गेलेना खनिज लग रहा है. गेलेना पत्थर सिर्फ कैनेडा समेत कुछ एक देशों में ही पाया जाता है. भारत में सिर्फ हिमाचल के सिरमौर में उच्च गुणवत्ता का गेलेना पत्थर पाया जाता है. इसका उपयोग युद्ध सामग्री जैसे गोला बारूद बनाने, सिक्का, शीशा बनाने के लिए किया जाता है. इस खनिज में चांदी भी मिलता है.