नाहन:हाल ही में लोकसभा में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस हल्के नीले रंग की जैकेट को पहनकर चर्चा में आए हैं, उससे हिमाचल प्रदेश को भी नई दिशा मिल सकती है. बता दें कि संसद के बजट सत्र 2023 की कार्यवाही में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विशेष नीली जैकेट पहनकर संसद पहुंचे थे. इस जैकेट को सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकल करके बनाया गया था. बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक के दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पीएम को यह जैकेट भेंट की थी. इस जैकेट को सिंगल यूज प्लास्टिक की 28 बोतलों को रिसाइकल करके बनाया गया है. ऐसे में पीएम मोदी की इस जैकेट से देवभूमि हिमाचल को भी एक नई दिशा मिल सकती है. बशर्ते केंद्र व प्रदेश सरकार इस दिशा में कदम उठाएं.
सिरमौर जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक से हुए कई काम:दरअसल प्रदेश के सिरमौर जिला में पहले से ही सिंगल यूज प्लास्टिक से बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जिसको लेकर यह जिला चर्चा में रहा है. यहां तक की वर्ष 2020 में सिरमौर को स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पुरस्कार 2020 के लिए भी सम्मानित किया जा चुका है. पूर्व में डीसी रहे आईएएस अधिकारी डॉ. आरके परूथी ने इस दिशा में अपने कार्यकाल के दौरान जिले में बहुत से ऐसे कार्य किए, जो आज भी प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की दिशा में बेहतरीन उदाहरण है. इसको लेकर पूर्व अधिकारी ने जिले में बड़े स्तर पर लोगों सहित पंचायतों में जागरूकता अभियान भी चलाए.
पूर्व डीसी डॉ. परूथी ने फैलाई थी जागरूकता: जिलावासियों को तत्कालीन डीसी डॉ. परूथी ने इस दिशा में जागरूक किया कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ दैनिक उपयोग के लिए भी प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसका जीता जागता उदाहरण उन्होंने डीसी कार्यालय परिसर में ही पेश किया. यहां पॉली ब्रिक्स से बने सुंदर बैंच आज भी डीसी कार्यालय नाहन परिसर की शोभा बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को इस दिशा में जागरूक कर रहे हैं. उन्हीं के कार्यकाल में जिला मुख्यालय नाहन से 10 किलोमीटर दूर ढिमकी मंदिर से कून गांव तक प्लास्टिक कचरे से सड़क भी तैयार की गई थी, जो आज भी लोगों को बेहतर मार्ग की सुविधा उपलब्ध करवा रही है.
वर्तमान डीसी इस अभियान को दोबारा शुरू करेंगे: पर्यावरण की दृष्टि से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्य को वर्तमान डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने भी आगे बढ़ाने का फैसला लिया है और जिले में जल्द ही पुनः इस अभियान को नए सिरे से शुरू किया जाएगा. डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि जिला सिरमौर को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए पहले भी अभियान चलाया गया था, जिसका उदाहरण पूर्व में पॉली ब्रिक्स के माध्यम से डीसी कार्यालय में बैंच तैयार कर पेश भी किया गया है. उन्होंने कहा कि आज के समय में भी देखा जा रहा है कि प्लास्टिक के कचरा बढ़ता जा रहा है और इसमें कमी नहीं आई है. लिहाजा इस अभियान को पुनः शुरू करवाया जा रहा है.
75 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाता है प्लास्टिक: उन्होंने बताया कि सरकार की पाॅलिसी के तहत लोगों से साफ-सुथरे प्लास्टिक को 75 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाता है. लिहाजा इसी अभियान को आगे बढ़ाते हुए जिला में नए सिरे से अभियान को जल्द ही दोबारा से चलाया जाएगा. लोग प्लास्टिक की पॉली ब्रिक्स तैयार कर संबंधित आंगनवाड़ी केंद्रों या स्कूलों में दे सकेंगे और वहां से संबंधित ग्राम पंचायत उठाएगी. पंचायत मनरेगा के तहत जिन कार्यों में पॉली ब्रिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, वहां पर इनका प्रयोग करेंगी. साथ ही संबंधित पाॅली ब्रिक्स को लेकर राशि संबंधित लोगों को देगी और यह राशि सरकार के माध्यम से पंचायतों को वापिस दिलवाई जाएगी.