नाहन: हरियाणा कि नारायणगढ़ में प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में प्रभावित ग्रामीण सोमवार को उपायुक्त सिरमौर से मिलने पहुंचे और फायरिंग रेंज को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई. नारायणगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीणों ने एक स्वर में फायरिंग रेंज का विरोध किया.
दरअसल प्रदेश के गृह विभाग ने फायरिंग रेंज को लेकर जारी की गई अधिसूचना पर जिला प्रशासन ने 3 फरवरी तक का समय दिया था, जिसके तहत संबंधित क्षेत्रों के ग्रामीणों से युद्धाभ्यास व खुले में गोला चलाने व तोप दागने से संबंधित आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए कहा गया था.
इसी के तहत दर्जनों ग्रामीण उपायुक्त सिरमौर से मिलने पहुंचे थे. ग्रामीणों ने आपत्तियां दर्ज करवाने के साथ-साथ फायरिंग रेंज के विरोध में प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा. नारायणगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज संघर्ष समिति के संयोजक जसमत सिंह ने बताया कि ये अन्याय एक तरफा फैसला है, जिसे जनहित में रद्द किया जाना चाहिए.
प्रभावित क्षेत्रों के बाशिंदे अधिकांश किसान हैं, जोकि खेती के साथ पशुपालन और मजदूरी व्यवसाय के जरिए अपने परिवारों का भरण-पोषण करते हैं. कड़ी मेहनत से लोगों ने अपने आशियाने बनाए हैं, जो अब इस अधिसूचना के बाद से सहमे हुए हैं. इसी को लेकर ग्रामीणों ने आज अपनी आपत्तियां भी दर्ज करवाई हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासी पूरी तरह से इस फायरिंग रेंज का विरोध करते हैं.
प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि फायरिंग रेंज से जब फायरिंग होगी तो ग्रामीण इससे प्रभावित होंगे. हमारे पशु जंगलों में रहते हैं. किसान प्रभावित होंगे. भविष्य अंधकार में दिख रहा है. लिहाजा किसी सूरत में ये फायरिंग रेंज बर्दाश्त नहीं है.
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के नारायणगढ़ में प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज में हिमाचल प्रदेश के नाहन व पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के 22 गांव जद में आ रहे हैं, जिस वजह से ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है. ग्रामीण किसी भी सूरत में इस फायरिंग रेंज के पक्ष में नहीं है.
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