पांवटा साहिब:राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं, अगर हिमाचल की बात की जाए तो प्रदेश में पांवटा साहिब ब्लॉक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में नंबर वन पर है. यहां की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेहतरीन कार्य कर रही हैं और कई प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर घर बैठे-बैठे अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. बता दें कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब विकासखंड के अंतर्गत 961 स्वयं सहायता समूह बने हैं जिसमें 8000 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो बीओ 81 सीआईएफ चार बन चुके हैं.
स्वयं सहायता समूहों की कई महिलाएं पहले अपने उत्पाद तैयार करती हैं और इन उत्पादों को बाजार में या स्टॉल लगाकर बेचा जाता है. पांवटा साहिब में कई प्रोजेक्ट महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं. जिसमें कई प्रकार के स्वादिष्ट अचार, स्वादिष्ट पकवान ,पहाड़ी व्यंजन, मिट्टी से कई सुंदर वैरायटी की वस्तुएं, कई वैरायटियों के घरेलू उत्पादक सजावटी सामान, गुलदस्ते मास्क व अन्य चीजें बनाकर रोजगार कमा रही हैं.
सरकारी लाभ के लिए पंजीकरण जरूरी-पांवटा ब्लॉक के कनिष्ठ अभियंता बॉबी शर्मा बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह बनाने पर महिला को सरकार कई किस्तों में पैसा देती है एवं रोजगार शुरू करने के लिए बहुत कम ब्याज में लोन प्रदान करती है. यही नहीं बहुत सी सरकारी योजना का लाभ भी महिला समूह को दिया जाता है. लेकिन इन सभी का लाभ सभी मिल पाएगा अगर आपका स्वयं सहायता समूह सरकार के पास पंजीकृत होगा.