नाहन: हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण आयोग के गठन की मांग ने जोर पकड़ लिया है. मंगलवार को जिला मुख्यालय नाहन में सामान्य वर्ग संयुक्त मंच युवा एवं देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने आंदोलन का ऐलान किया है. रुमित ठाकुर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आयोग के गठन की मांग को लेकर संयुक्त मंच सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है.
20 अप्रैल को सचिवालय को बंद करने का ऐलान
स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर संगठन ने सरकार को 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है. संयुक्त मंच ने 20 अप्रैल को सचिवालय को बंद करने का ऐलान किया है. रुमित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर सरकार को दिए 90 दिन के अल्टीमेटम की अवधि 20 अप्रैल को खत्म हो रही है.
12 अप्रैल से शुरू की जाएगी भूख हड़ताल
20 अप्रैल से पहले यदि सरकार ने आयोग के गठन की घोषणा नहीं की तो 20 अप्रैल को सचिवालय सहित राजधानी को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले 12 अप्रैल से इस मुहिम को लेकर भूख हड़ताल शुरू की जाएगी. हड़ताल में हिस्सा लेने वाले सभी लोग तीन दिन तक पानी पीएंगे. इसके बाद आमरण अनशन शुरू किया जाएगा.
'एक पेगाम मुख्यमंत्री के नाम' के तहत सीएम को भेजेंगे पत्र
रुमित ठाकुर ने यह भी कहा कि स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर सामान्य वर्ग संयुक्त मंच ने 'एक पेगाम मुख्यमंत्री के नाम' मुहिम भी शुरू की है. इसके तहत हर घर से मुख्यमंत्री कार्यालय को एक पत्र भेजा जा रहा है, जिसमें समस्त परिवार के लोगों के हस्ताक्षर होंगे. सामान्य वर्ग संयुक्त मंच की यह मुहिम जन-जन और घर-घर की मुहिम बन चुकी है. अभी तक सैकड़ों चिट्ठियां मुख्यमंत्री के नाम निकल चुकी हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यालय में चिट्ठियों की बोरियां पहुंचेंगी.
सीएम के नाम भेजी जा रही हैं करीब 1 लाख चिट्ठियां
कम से कम एक लाख चिट्ठियां मुख्यमंत्री के नाम भेजी जा रही हैं और 20 अप्रैल को ऐसा दिन होगा जब सचिवालय में सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन होगा. साथ ही जब तक सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करेगी तब तक लोग सचिवालय पर होने वाले प्रदर्शन से नहीं उठेंगे. ठाकुर ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब समाज के हर वर्ग के लिए आयोग का गठन किया गया है तो 70 फीसदी आबादी वाले स्वर्णों के लिए आयोग का गठन क्यों नहीं किया जा सकता, जबकि दूसरे कई राज्यों में स्वर्णों के लिए आयोग का गठन किया जा चुका है.
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