हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों को कर रही कमजोर! सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा - मोगीनंद स्कूल न्यूज

नाहन के तहत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मोगीनंद के छात्रों ने विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री की देखरेख में ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित एक सर्वे किया है. सर्वे में खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन शिक्षा बच्चों के लिए न केवल हानिकारक साबित हो रही है, बल्कि उनके आंखों व कानों पर भी असर डाल रही है.

survey on online studies
survey on online studies

By

Published : Oct 28, 2020, 11:26 AM IST

Updated : Oct 28, 2020, 11:54 AM IST

नाहन: वैश्विक महामारी कोरोना से देश सहित प्रदेश भी त्रस्त है. संक्रमण के चलते स्कूल बंद पड़े हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित न होने, इसके लिए आधुनिकता के इस दौर में ऑनलाइन पढ़ाई का सहारा लिया जा रहा है. मगर एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन शिक्षा बच्चों के लिए न केवल हानिकारक साबित हो रही है, बल्कि उनके आंखों व कानों पर भी असर डाल रही है.

दरअसल, विकास खंड नाहन के तहत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मोगीनंद के छात्रों ने विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री की देखरेख में ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित एक सर्वे किया है. इस सर्वे के तहत स्कूल के छात्रों ने 120 अभिभावकों से संपर्क किया, जिसमें ऑनलाइन पढ़ाई के फायदों के साथ-साथ नुकसान के बारे में जानकारी हासिल की गई.

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मोगीनंद.

सर्वे में खुलासा हुआ है कि मोबाइल पर वर्चुअल कक्षाओं ने बच्चों के आंख-कान कमजोर कर दिए हैं. जहां कई बच्चों की सुनने की शक्ति कमजोर हुई है, तो कइयों की आंखों पर भी इसका असर पड़ा है. बच्चे मोबाइल एडिक्शन डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं, जिनमें चिड़चिड़ापन आ गया है और वह अकेले में रहना पसंद करने लगे हैं. पढ़ाई की जगह बच्चों का रुझान सोशल मीडिया और गेम खेलने की तरफ बढ़ गया.

मोगीनंद स्कूल के विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री ने बताया कि स्कूल में साईंस कांग्रेस के लिए सर्वे किया गया था, जिसमें चैंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. मोगीनंद स्कूल ने पांच नवंबर के बाद होने वाले साइंस कांग्रेस के लिए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है. उनके नेतृत्व में स्कूल के 5 छात्रों सलोनी सिंह, गुंजन, रूपल, हिमांशु व रितिका ने कुल 120 अभिभावकों से ऑनलाइन पढ़ाई के संदर्भ में फायदे व नुक्सान के बारे में जानकारी ली.

संजीव अत्री ने बताया कि सर्वे में सामने आया कि 7 विद्यार्थियों की आंखें कमजोर हुई हैं. वहीं, 3 विद्यार्थियों की सुनने की शक्ति में दिक्कत आई है. 11 विद्यार्थियों में आंखों में जलन, 9 में सिरदर्द, 11 को अनिंद्रा की शिकायत हुई है. यही नहीं मोबाइल की लत लगने से बच्चों को भूख-प्यास का भी ध्यान नहीं है. 12 ऐसे बच्चों की भूख कम हुई.

सर्वे में सबसे अधिक 41 बच्चे अनवांटेड एक्टिविटी जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइटों और गेम खेलने के आदि पाए गए. 82 फीसदी अभिभावक यह तक नहीं जानते कि बच्चे मोबाइल पर क्या करते हैं.

संजीव अत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान बच्चों को मोबाइल की लत लग गई है, जोकि चिंताजनक है. इसका तोड़ निकालने के लिए स्कूल अपने स्तर पर भी प्रयास कर रहा है. इसके लिए विशेष मॉडल तैयार किया जाएगा. साइंस कांग्रेस में इस सर्वे की प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश कर सबके समक्ष यह मामला रखा जाएगा.

Last Updated : Oct 28, 2020, 11:54 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details