पावंटा साहिब: लॉकडाउन के दौरान पांवटा साहिब में ईंट की भट्टियां चलाने वाले कारोबारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. बीते तीन महीने से भट्टियां बंद होने के चलते इनमें काम करने वाले मजदूरों का रोजगार छिन गया है. कुछ मजदूर घरों को वापिस लौट चुके हैं, जबकि कुछ भट्टी मालिकों की सहायता से गुजर बसर कर रहे हैं.
पांवटा साहिब के गुलाबगढ़, हरिपुर, पूरुवाला, बाटापूल, जामनिवाला समेत कई अन्य क्षेत्रों में ईंट की भट्टियों पर लॉकडाउन का ऐसा कहर बरपा कि सैकड़ों मजदूरों को अपने राज्य वापिस लौटना पड़ा. देशभर में अनलॉक-1 शुरू होने के बाद भी ईंट की भट्टियां बंद पड़ी हुई हैं. जिसके चलते ईंट भट्टियों के कारोबारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है.
जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की ईंटों की सबसे ज्यादा डिमांड पंजाब, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में होती है लेकिन लॉकडाउन से बाहरी राज्यों की सीमाएं बंद होने के चलते लोकल कारोबारी इस नुकसान से उभर नहीं पा रहे हैं.
भट्टी के मालिक जगीर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें करीब 15 लाख का नुकसान हो चुका है, जिसकी भरपाई करने के लिए तीन साल का समय लग जाएगा. घाटे के बावजूद ईंट भट्टियों के मालिक अपने मजदूरों को खाना मुहैया करवाने के साथ-साथ उनकी हर संभव सहायता कर रहे हैं, जिस वजह से बहुत से मजदूर अभी भी यहीं पर रहकर कोरोना संकट के बादल छंटने का इंतजार कर रहे हैं.
पांवटा साहिब में ईंट की भट्टियों में करीब ढाई हजार मजदूरों को रोजगार मिलता है. ऐसे में घाटे में चल रहे भट्टी मालिक ज्यादा दिन मजदूरों को खाने-पीने की सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पाएंगे. भट्टी मालिकों को उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना महामारी से उभरकर परिस्थितियां जल्द ही पहले जैसी हो जाएंगी.