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62 साल में नहीं बदली सिरमौर के नेशनल पार्क की तस्वीर, पर्यटकों ने मोड़ा मुंह

पांवटा साहिब के सिंबरबाड़ा में बने नेशनल पार्क को टूरिज्म के तौर पर संवारने पर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. वहीं, ज्यादा पर्यटकों के आने से सरकार की भी आय हो सकती है. इसके अलावा पलोहड़ी गांव के लिए नेशनल पार्क के बीच से गुजरती सड़क को भी बंद बात की जा रही है, ताकि शेरजंग नेशनल पार्क में मौजूद जंगली जानवर वाहनों की आवाज से सड़कों से दूर न भागें.

Sherjung National Park
शेरजंग नेशनल पार्क

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Published : Aug 31, 2020, 2:04 PM IST

पांवटा साहिब:जिला सिरमौर के साथ कई राज्यों हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड की सीमाएं लगती हैं. ऐसे में यहां मौजूद कई जगहों को पर्यटन की दृष्टि से संवारने पर हजारों पर्यटक इस इलाके में पहुंच सकते हैं. पांवटा साहिब के सिंबरबाड़ा में बने नेशनल पार्क को टूरिज्म के तौर पर संवारने पर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. वहीं, ज्यादा पर्यटकों के आने से सरकार की भी आय हो सकती है.

इसके अलावा यहां पलोहड़ी गांव के लिए नेशनल पार्क के बीच से गुजरती सड़क को भी बंद बात की जा रही है, ताकि शेरजंग नेशनल पार्क में मौजूद जंगली जानवर वाहनों की आवाज से सड़कों से दूर न भागें.

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रेंजर फॉरेस्ट अधिकारी एनआर चौहान ने बताया कि यहां पर कुछ दिन पहले टूरिज्म की टीम भी पहुंची थी. पूरा डाटा इकट्ठा कर डीसी सिरमौर तक पहुंचा दिया गया है. उन्होंने कहा कि पलोहड़ी गांव की सड़क का रूट बदल दिया जाए, ताकि पार्क में मौजूद जानवरों को परेशानी ना हो. उन्होंने कहा कि रात के समय लोगों को कई बार हाथी भी मिल चुके हैं.

एनआर चौहान ने कहा कि यहां पर टूरिज्म को बढ़ावा देने पर आय में भी वृद्धि होगी. सरकार के इस नेशनल पार्क को और आकर्षक बनाने और कुछ सुविधाएं देने पर यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी.

बता दें कि पांवटा साहिब के सिंबरबाडा में 1958 में पार्क बनाया गया था. इसे 2013 में कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क का नाम दिया गया. इस पार्क में ब्लैक बियर, घोरल, लंगूर और हाथी जैसे कई जानवर देखने को मिलते हैं.

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