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पांवटा साहिब गुरुद्वारे में कवि दरबार का आयोजन, सिख ही नहीं हिंदू और मुस्लिम भी करते हैं कविता पाठ

पांवटा साहिब में 350 सालों से चली आ रही कवि दरबार की परंपरा आज भी कायम है. श्री गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा शुरु किए गए इस कवि दरबार में विभिन्न संप्रदायों और धर्मों के कवि हिस्सा लेते थे. आइए जानते हैं इस पूरी परंपरा के बारे में.

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Published : Nov 13, 2019, 8:55 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 9:13 AM IST

पांवटा साहिब: श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर एक ओर जहां प्रदेश के विभिन्न गुरुद्वारे में अखंड पाठ साहिब को भोग लगाया गया. वहीं, दूसरी ओर दिनभर रागी और ठाड़ी जत्थों ने श्री गुरु वाणी का बखान किया. इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में भव्य कवि दरबार का भी आयोजन किया गया.

ऐतिहासिक पांवटा साहिब गुरुद्वारे में आयोजित कवि दरबार की विशेषता यह है कि यहां न सिर्फ सिख बल्कि हिंदू और मुस्लिम कवि भी कविता पाठ करते हैं. कवि दरबार में विभिन्न राज्यों से आए कवियों ने श्री गुरु नानक देव जी सहित सिख गुरुओं के जीवन, उनकी शिक्षाओं और गुरुओं की वीर गाथाओं का कविता के माध्यम से बखान किया.

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पांवटा साहिब गुरुद्वारे में आयोजित इस कवि दरबार में विभिन्न राज्यों से आए कवियों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता यहां पहुंचे. कविता पाठ के लिए पहुंचे कवि भी गुरुद्वारे में कविता पाठ कर स्वयं को कृतार्थ महसूस कर रहे थे.

बता दें कि पांवटा साहिब में कवि दरबार की परंपरा लगभग 350 सालों से चली आ रही है. गुरुद्वारों में कवि दरबार की शुरुआत श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने पांवटा साहिब से ही की थी. श्री गुरु गोविंद सिंह जी के दरबार में लगभग 52 हिंदू मुस्लिम और सिख कवि साहिबान थे. जो नित्य उनके समक्ष कविता पाठ करते थे और श्री गुरु गोविंद सिंह जी से पुरस्कार प्राप्त करते थे. श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के कवि दरबार में विभिन्न राज्यों, विभिन्न संप्रदायों और धर्मों के कवि होते थे. पांवटा साहिब गुरुद्वारे में आज भी कवि दरबार की परंपरा कायम है.

Last Updated : Nov 13, 2019, 9:13 AM IST

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